
अभिनव सिन्हा
लखनऊ: देश में कोरोनावायरस और मंकीपॉक्स के कहर के बीच एक नई मुसीबत देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से लोगों की रातों की नींद उड़ गई है। कुछ राज्यों में टोमौटो फ्लू नाम के वायरस ने कहर बना रखा है। आमतौर पर हैंड फुट एंड माउथ डिजीज के लिए टोमैटो फ्लू शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पहचान सबसे पहले केरल में हुई थी। इतना ही नहीं केरल के अलावा भी तीन राज्यों में टोमैटो फ्लू का पता चला है। देश में इसके मामले को देखते हुए केंद्र की ओर से राज्यों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। जिसमें उसके लक्षण से लेकर रोकथाम के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है।
टोमैटो फ्लू जैसे लक्षण अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 12 बच्चों में देखने को मिला है। जिसमें हाथ, पैर और मुंह के साथ पूरे शरीर में लाल चिकत्ते के साथ बुखार, थकान और बदन दर्द जैसे लक्षण मौजूद हैं। पर इनमें से किसी भी मामले में हालत गंभीर न होने की वजह से दवा देकर लौटा दिया गया है। हालांकि इनमें से किसी भी बच्चे की जांच नहीं हुई है। इस वजह से सीधे तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इनमें टोमैटो फ्लू के लक्षण थे भी या नहीं। सभी बच्चों को सामान्य दवाएं दी गई है। उन सभी बच्चों को एक सप्ताह के अंदर इन लक्षणों से राहत मिल जाएगी।
जानिए क्या है टोमैटो फ्लू
कोरोना, मंकीपॉक्स के बाद टोमैटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन हैं। जिसमें कम उम्र के बच्चों के हाथ, मुंह और पैरों पर छाले या फफोले हो जाते हैं। यह फफोले टमाटर के साइज के हो सकते हैं, इसी वजह से इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है। यह वायरल इंफेक्शन एक से पांच साल की उम्र के बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों को प्रभावित करती है। एक सप्ताह में यह वायरल इंफेक्शन ठीक हो जाता है और कई बार कुछ केस गंभीर भी हो सकते हैं इसलिए बेहतर है कि ऐसे कोई लक्षण दिखने में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। कई बार तो यह डेंगू या चिकनगुनिया का आफ्टर इफेक्ट भी होता है।
टोमैटो फ्लू के ये हैं लक्षण
टोमैटो फ्लू वायरल इंफेक्शन हैं यानी वायरस की वजह से फैलता है। पर अभी भी इसके सटीक कारणों का पता लगना बाकी है। वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित बच्चों से अन्य बच्चों में फैल सकता है। यह बीमारी छूने, साथ बैठने और खेलने से भी हो सकती है। इसके लक्षणों में बुखार, अत्यधिक थकान, शरीर में तेज दर्द, त्वचा पर फफोले निकलना, डिहाइड्रेशन, पेट में ऐंठन, मुंह में छाले, जी मिचलाना, खांसी-जुकाम, उल्टी या दस्त और जॉइंट्स में पेन सबसे कॉमन लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। उसी के अधार पर चिकित्सक दवाएं देंगे।
इस तरह से करें बचाव
टोमैटो फ्लू से बचने के लिए जूस, खूब पानी पिएं और लिक्विड पदार्थों का सेवन करें। इतना ही नहीं एक से पांच साल के बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। अगर शरीर में फफोले निकलें है तो उन्हें छूने से बचें। अगर मामला संदिग्ध है तो दूरी बरतें और डॉक्टर की सलाह लें। उसके बाद टोमैटो फ्लू से संक्रमित बच्चे का डॉक्टर की सलाह के अनुसार ध्यान रखें। बच्चों को ऐसे वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए सभी वैक्सीन लगवाएं ताकि बीमारियों का खतरा कम से कम हो। इस बीमारी से बचने के लिए कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग खास सावधानी बरतें। खुद को फिट रखने के लिए हेल्दी डाइट लें।
फ्लू को टमाटर से नहीं है कोई लेना-देना
आपको बता दें कि टोमैटो फ्लू का संबंध टमाटर से बिल्कुल भी नहीं है। इस फ्लू के नाम के साथ टोमैटो यानी टमाटर का नाम होने की वजह से लोगों में टमाटर खाने को लेकर चिंता देखी गई हैं। पर ऐसा कुछ नहीं है, यह सिर्फ एक अफवाह है। इस बिमारी का टमाटर से कोई लेना देना नहीं है। इसकी चपेट में आने के बाद बच्चों के शरीर पर टमाटर जैसे लाल निशान बन जाते हैं। बस इसी वजह से इसको टोमैटो फ्लू कहा जा रहा है। पर लोगों ने अपने दिमाग में एक अलग ही छवि बना ली है।
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