पशुधन विभाग घोटाले मामले में दो IPS सस्पेंड, सीएम योगी ने की कार्रवाई; ऐसे हुआ था घोटाला

उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में करोड़ों के घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दो सीनियर IPS डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी PAC अरविंद सेन को सस्पेंड कर दिया है

लखनऊ(Uttar Pradesh). उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में करोड़ों के घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दो सीनियर IPS डीआईजी रूल्स और मैनुअल दिनेश दुबे और डीआईजी PAC अरविंद सेन को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले इस मामले में एक हेडकांस्टेबल भी सस्पेंड किया का चुका है, वहीं पत्रकार समेत कई लोगों की गिरफ्तारी बीते जून माह में हो चुकी है। 

पशुधन घोटाला अपने आपमें अनोखा मामला था। इसमें शामिल आरोपियों ने सरकार की नाक के नीचे सचिवालय में ही एक अलग से विभाग बना रखा था। इस विभाग में बैठकर इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड आशीष राय लोगों को अपने जाल में फंसाता था। 9 करोड़ के इस घोटाले का राज तब फाश हुआ जब इंदौर के एक व्यापारी मंजीत भाटिया को भी फर्जी विभाग के जरिये टेंडर दिलाने का झांसा दिया गया। पशुधन विभाग में फ़र्ज़ी टेंडर के जरिये मध्य प्रदेश निवासी मंजीत भाटिया से 9 करोड़ 27 लाख की रकम की ठगी गई थी। हेड कॉन्स्टेबल दिलबहार ने ही 31 मार्च, 2019 को पीड़ित मंजीत भाटिया को अन्य सिपाहियों के साथ उठाकर नाका कोतवाली में उसे खूब धमकाया था। इस बात की शिकायत मंजीत भाटिया ने पुलिस से की। मामले में शासन और प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया। बाकी आरोपियों के खिलाफ SIT जांच कर रही है। इस घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार पर खूब हमलावर रहा है।  

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इन लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी 
पशुपालन विभाग के इस फर्जीवाड़े में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों के खिलाफ इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने शासन में शिकायत की थी।

तत्कालीन एसपी पर लगे आरोप सही पाये गए
एसटीएफ के मुताबिक पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी पर इन लोगों से मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था। एसटीएफ की पड़ताल में साफ हुआ कि तब सीबीसीआईडी में एसपी अरविन्द सेन थे। अरविन्द सेन इस समय डीआईजी हैं और पीएसी सेक्टर आगरा में तैनात हैं। जांच में इन पर धमकाने का आरोप सही पाया गया।

ठेके दिलाने की साठगांठ में फंसे 
गिरफ्तार लोगों ने सचिवालय में पशुपालन विभाग का फर्जी दफ्तर बनाकर जो फर्जीवाड़ा किया, उससे जांच कर रही एसटीएफ भी हैरान रह गई थी। मामले के तूल पकड़ने पर शासन ने जांच जल्दी पूरी कर सभी आरोपियों को पकड़ने को कहा था। इस जांच में ही सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों के एक और आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे से सम्बन्ध हैं। ये भी इस समय डीआईजी हो चुके हैं और रूल्स एंड मैनुअल्स में तैनात हैं। 
 

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