
रामपुर (Uttar Pradesh). 12 साल पहले यूपी के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के मामले में रामपुर कोर्ट ने शनिवार को चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। इनमें दो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के रहने वाले हैं। दो अन्य को उम्रकैद और 10 साल की सजा दी गई। इससे पहले कोर्ट ने मामले में शुक्रवार को 6 लोगों को दोषी माना था, जबकि दो आरोपियों को बरी कर दिया था। बता दें, 2007 में हुए हमले में 7 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
एक दोषी के पास मिली थी पिस्टल, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
वकील दलविंदर सिंह डंपी ने बताया, पीओके निवासी इमरान शहजाद, मोहम्मद फारुख, मोहम्मद शरीफ और सबाउद्दीन को फांसी, जबकि जंग बहादुर को उम्रकैद और फहीम अंसारी को 10 साल की सजा मिली है। फहीम के पास पासपोर्ट और पिस्टल मिली थी। उसे आईपीसी की धारा 420, 467, 471, 200, 25/1/ए के तहत दोषी पाया गया। हालांकि, हमले में उसकी कोई भूमिका समाने नहीं आई।
हमले में एक रिक्शा चालक की भी गई थी जान
बता दें कि रामपुर में 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला किया था। इसमें मौके पर सात जवान शहीद हुए थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी। पुलिस ने इस हमले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी आरोपियों को लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया है।इस हमले में सात जवानों के साथ एक रिक्शा चालक ने जान गंवा दी थी।
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