रामलला जहां बैठे हैं वहीं बनेगा मंदिर, कोई माई का लाल उन्हें हिला नहीं सकता : उमा

उमा ने कहा, जब मैं पहली बार महंत अवैद्यनाथ जी से अयोध्या में मिली, तो हैरान रह गई। वो उम्र में काफी बड़े थे, लेकिन उनकी भाषा और शरीर में सरलता थे। कहीं जाते थे तो लोगों को सोचना पड़ता था कि क्या करें, यहां क्यों आए हैं?

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2019 10:58 AM IST / Updated: Sep 18 2019, 04:32 PM IST

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश). बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने कहा, जहां रामलला जी बैठे हैं, वहीं मंदिर बनेगा। कोई माई का लाल उन्हें हिला नहीं सकता। हम सभी ने अपने जीवन को दांव पर लगाया है। आगे भी जब जरूरत पड़ेगी, तो देश की रक्षा के लिए सब लड़ाई लड़ेंगे। बता दें, गोरखनाथ मंदिर में बुधवार को राष्ट्रीय संत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की पांचवीं पुण्यतिथि समारोह के अंतर्गत श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई थी। सभा में श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती शामिल हुईं।

जब सन्यास लेने की बात पर डर रहीं थीं उमा
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए उमा ने कहा, जब मैं पहली बार महंत अवैद्यनाथ जी से अयोध्या में मिली, तो हैरान रह गई। वो उम्र में काफी बड़े थे, लेकिन उनकी भाषा और शरीर में सरलता थे। कहीं जाते थे तो लोगों को सोचना पड़ता था कि क्या करें, यहां क्यों आए हैं? क्योंकि वो शांत स्वभाव के थे। शंकराचार्य जी इसके गवाह हैं। पहले मैं सोचती थी कि सन्यास लूंगी तो कान में कुंडल लगाया जाएगा, जिसमें काफी दर्द होगा। उस समय अवैद्यनाथ जी ने मुझे समझाया था कि सन्यास लेते समय ऐसा भाव रहता है कि दर्द का पता ही नहीं चलता। 11 साल अटल जी और 5 साल मोदी जी के साथ राजनीति में मुझे 53 साल हो गए। अब मैं डेढ़ साल गंगा जी के किनारे बिताना चाहती हूं। 

वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं बचपन से नाथ संप्रदाय के संतों को देखता आ रहा हूं। अपने परिवार के बुजुर्गों से भारत में नाथ संप्रदाय और संतो के बारे में सुना था।

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