एक मुसलमान यह भीः मरीजों की सेवा में नमाज नहीं पढ़ पा रहे, मदद ही खुदा की इबादत


नोएडा के जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट कमर खान का परिवार इस समय देश सेवा में लगा है। उनकी 2 बहनें भी झांसी जिला अस्पताल में तैनात हैं। कमर बताते हैं कि उनके पिता भी जिला अस्पताल से रिटायर्ड डॉक्टर हैं। कमर ने तब्लीगी जमात वाले मामले पर उन्होंने कहा कि देश में पूरे मुस्लिम समाज को एक धारणा से देखना गलत है। हालांकि, कुछ लोगों ने पूरे समाज को बदनाम कर दिया।

Ankur Shukla | Published : Apr 4, 2020 12:18 PM IST / Updated: Apr 04 2020, 05:55 PM IST


नोएडा (Uttar Pradesh) । दिल्ली के निजामुद्दीन स्थ‍ित तब्लीगी जमात की घटना के बाद लोग मुस्लिमों को लेकर अपने-अपने राय रख रहे हैं। लेकिन, हर मुसलमान ऐसा नहीं हैं। यकीन नहीं तो नोएडा के जिला अस्पताल में ही एक उदाहरण देखा जा सकता है। यहां तैनात फार्मासिस्ट कमर खान भी हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं। जी हां वो बताते हैं कि उन्हें एक सप्ताह से नमाज पढ़ने का भी समय नहीं मिल पाया है। हालांकि, उनका कहना है कि मरीजों की सेवा करना खुदा की इबादत की तरह है। इस समय उनका सबसे बड़ा धर्म लोगों को सुरक्षित रखना है।

अस्पताल की यह कहानी सुनाते हैं कमर खान
नोएडा सेक्टर 30 में रहने वाले कमर खान की ड्यूटी इमरजेंसी फीवर क्लीनिक में लगी है। वो बताते हैं कि वह शाम तक यहां रहते हैं और मरीजों की पूरी मदद करते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित या संदिग्ध अस्पताल आते हैं तो उनके साथ आने वाले परिवारीजन दूर खड़े हो जाते हैं। कई बार एंबुलेंस से उतारने में मदद करने से भी मना कर देते हैं। ऐसे में उन्हें वॉर्डबॉय की मदद करने के लिए खुद जाना पड़ता है। 

बहनें भी कर रही सेवा
नोएडा के जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट कमर खान का परिवार इस समय देश सेवा में लगा है। उनकी 2 बहनें भी झांसी जिला अस्पताल में तैनात हैं। कमर बताते हैं कि उनके पिता भी जिला अस्पताल से रिटायर्ड डॉक्टर हैं।

तब्लीगी जमात पर कही ये बातें
कमर ने तब्लीगी जमात वाले मामले पर उन्होंने कहा कि देश में पूरे मुस्लिम समाज को एक धारणा से देखना गलत है। हालांकि, कुछ लोगों ने पूरे समाज को बदनाम कर दिया।

(फाइल फोटो)

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