BHU के वैज्ञानिकों का अनोखा प्रयास, बिना लक्षण वाले कालाजार संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने का खोजा तरीका

Published : Jun 28, 2022, 02:46 PM IST
BHU के वैज्ञानिकों का अनोखा प्रयास, बिना लक्षण वाले कालाजार संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने का खोजा तरीका

सार

यूपी के वाराणसी में स्थित बीएचयू के वैज्ञानिकों का अनोखा प्रयास किया है। यहां के वैज्ञानिकों ने बिना लक्षण वाले कालाजार संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने का तरीका खोज निकाला है। इस शोध में तीन प्रोफेसर शामिल है।

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कालाजार के बिना लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान करने का एक नया तरीका खोज निकाला है, जो विश्वसनीय और किफायती हो सकता है। इस अध्ययन का नेतृत्व सीनियर रिसर्च फेलो सिद्धार्थ शंकर सिंह ने प्रो. श्याम सुंदर विशिष्ट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, और डॉ राजीव कुमार, सीईएमएस, आईएमएस-बीएचयू के मार्गदर्शन में किया। इस शोध दल ने कालाजार के प्रभाव के क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों के तीन समूहों (अकैलक्षणिक कालाजार व्यक्तियों, काला-जार रोगियों और स्वस्थ व्यक्तियों) से एकत्र किए गए रक्त के नमूनों पर ट्रांसक्रिप्टोमिक अध्ययन किया और एम्फिरेगुलिन नामक एक बायोमार्कर की पहचान की, जो अकैलक्षणिक व्यक्तियों की पहचान में मदद करेगा। 

कालाजार में शामिल है ये बिमारियां 
अकैलक्षणिक काला-जार संक्रमण वाले व्यक्ति नैदानिक लक्षण नहीं दिखाते हैं। यह अणु एम्फायरगुलिन न केवल सूजन और ऊतक क्षति को रोकता है, बल्कि उन्हें सक्रिय रोग वाले व्यक्तियों से भी अलग कर सकता है। यह शोध कार्य प्रतिष्ठित शोध पत्रिका क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल इम्यूनोलॉजी के नवीनतम अंक में प्रकाशित हुआ है। कालाजार में अनियमित बुखार, वजन कम होना, प्लीहा और यकृत का बढ़ना और एनीमिया शामिल हैं। इसके ज्यादातर मामले ब्राजील, पूर्वी अफ्रीका और भारत में होते हैं। दुनिया भर में सालाना अनुमानित 50,000 से 90,000 नए मामले सामने आते हैं, जिनमें से केवल 25% से 45% के बारे में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन को जानकारी पंहुच पाती है। 

पिछले तीन दशकों से चल रहा शोध
अलैक्षणिक व्यक्ति बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखाते लेकिन परजीवी को अपने शरीर में संयोजित किए रहते है, जो कालाजार के फैलाव में मदद कर सकता है। इसिलिये यह शोध कालाजार अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष रूप से कालाजार उन्मूलन के भारत सरकार के कार्यक्रम के आलोक में बहुत दिलचस्प खोज है और कालाजार के प्रभाव के क्षेत्र (endemic region) में रोग का बेहतर प्रबंधन करने में मदद करेगा। पिछले तीन दशकों से कालाजार अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत देश के अग्रणी वैज्ञानिक प्रो. श्याम सुंदर ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में इस शोध कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह खोज उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

मशहूर फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा के खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज, द्रौपदी मुर्मू पर अभद्र टिप्पड़ी का आरोप

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

योगी सरकार की आबकारी नीति से एथेनॉल उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, निवेश में आई तेजी
बरेली वालों तैयार रहें! मेट्रो दौड़ने में बस थोड़ा वक्त ओर!