बरसाना की लठामार होली में लाडली जी मंदिर पर रसायन युक्त रंगों की फुहार नहीं छोड़ी जाती है। इसमें टेसू के फूलों से बना रंग प्रयोग में लाया जाता है। इस विशेष रंग को बनाने के लिए सबसे पहले टेसू के फूलों को पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद फूलों का रस निकाल जाता है। निकले रस में चूने को मिलाकर ड्रमों में भर दिया जाता है। टेसू के फूलों का रंग ईको फ्रेंडली होता है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
मथुरा (Uttar Pradesh)। ब्रज में अनोखे तरीके से होली खेली जाती है। यहां आज से होली शुरू हो गई, जो 11 मार्च तक चलेगी। बता दें कि चार मार्च को राधारानी के गांव बरसाना में लठामार होली खेली जाएगी। यहां होली खेलने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के नंदगांव से हुरियारे आएंगे। उनके स्वागत के लिए बरसाना आतुर है। इस बार रंग बनाने के लिए दिल्ली से 10 कुंतल टेसू के फूल मंगाए गए हैं।
इस तरह तैयार करते हैं रंग
बरसाना की लठामार होली में लाडली जी मंदिर पर रसायन युक्त रंगों की फुहार नहीं छोड़ी जाती है। इसमें टेसू के फूलों से बना रंग प्रयोग में लाया जाता है। इस विशेष रंग को बनाने के लिए सबसे पहले टेसू के फूलों को पानी में भिगोया जाता है। उसके बाद फूलों का रस निकाल जाता है। निकले रस में चूने को मिलाकर ड्रमों में भर दिया जाता है। टेसू के फूलों का रंग ईको फ्रेंडली होता है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
इसलिए करते हैं टेसू के फूलों का प्रयोग
राधारानी मंदिर के सेवायतों ने बताया कि आजकल जो रंग बाजार में मिलते हैं वो मिलावटी होते हैं। किसी भी हुरियारे-हुरियारिन व श्रद्धालुओं को त्वचा संबंधित परेशानी हो सकती है, लेकिन टेसू के फूलों से बना ईको फ्रेंडली रंग से त्वचा को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती, साथी ही इसकी खुशबू से मन में ताजगी बनी रहती है।
ये हैं ब्रज में होली के प्रमुख आयोजन
03 मार्च को अष्टमी के दिन बरसाना में लड्डू होली
04 को बरसाना में लठामार होली का आयोजन
05 को दशमी के दिन नंदगांव में लठामार होली
05 को ही गांव रावल में लठामार एवं रंग होली
06 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं श्रीबॉके बिहारी मंदिर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं होली
07 को गोकुल में छड़ीमार होली
09 को गांव फालैन में जलती हुई होली से पण्डा का निकलना
09 मार्च को द्वारिकाधीश मंदिर से होली का डोला नगर भ्रमण
10 को द्वारिकाधीश मंदिर में टेसू फूल, अबीर गुलाल की होली
10 को ही संपूर्ण मथुरा जनपद क्षेत्र में अबीर, गुलाल की होली
11 को दाऊजी का हुरंगा, गांव मुखराई में चरकुला नृत्य
(प्रतीकात्मक फोटो)