Inside Story: होली के मौके पर बरेली में होता है अनोखी रामलीला का आयोजन, जानिए क्या है इसकी विशेषता

दशहरा के मौके पर रामलीला का आयोजन हर जगह होता हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में एक रामलीला इस मायने में अनूठी है, जो होली के मौके पर आयोजित होती है। यह रंगों के फुहारों के सहारे खेली जाने वाली देश और दुनिया की अकेली रामलीला है, जो सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी जानी जाती है।

राजीव शर्मा
बरेली:
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर के बड़ी वमनपुरी में रामलीला का आयोजन इस बार 12 मार्च से शुरू होगा। आप चौंके जरूर होंगे कि यह कोई मौका है रामलीला के आयोजन का लेकिन आपको बता दें कि यह देश-दुनिया की अकेली रामलीला है, जो दशहरा के मौके पर नहीं, होली के मौके पर आयोजित होती है। हर साल जब होली के लिए एक सप्ताह बाकी रह जाता है तो बड़ी वमनपुरी में रामलीला का आयोजन प्रारंभ हो जाता है और ज्यों-ज्यों रंगों की फुहार बढ़ती जाती है। रामलीला की रौनक भी बढ़ती जाती है। इस बार रामलीला का आयोजन 29 मार्च तक चलेगा। हर दिन शाम को छह बजे से रात्रि 11 बजे तक इसमें राम कथा के विभिन्न प्रसंगों का मंचन क्रमवार किया जाएगा। इसके लिए कलाकार यहां पहुंच गए हैं।

161 साल से हो रही यह रामलीला
बरेली में वमनपुरी की यह रामलीला पिछले 161 साल से हो रहा है। इस बार इसका 162 वां आयोजन किया जा रहा है। डेढ़ सौ साल से अधिक पुरानी इस रामलीला का इतिहास ब्रिटिश हुकूमत से जुड़ा हुआ है। इस रामलीला का शुरुआत ब्रिटिश काल में वर्ष 1861 में की गई थी। तब से यहां रामलीला सभा वमनपुरी कमेटी लगातार हर साल रामलीला का आयोजन कराती आ रही है। माना जाता है कि 1861 में बरेली शहर के कुछ प्रमुख लोगों ने कुछ अनूठा धार्मिक आयोजन कराने के मकसद से इसका आयोजन प्रारंभ किया था, जब अंग्रेजों के खिलाफ बगावत चल रही थी। ब्रिटिश हुकूमत अपने खिलाफ आवाज उठाने वाले भारतीयों का दमन कर रहे थे, तब धार्मिक विधान से मनोरंजन के मकसद से इसका आयोजन शुरू किया गया तो इसका सिलसिला चल निकला।

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वर्ल्ड हैरिटेज का हिस्सा है यह रामलीला
बरेली की वमनपुरी रामलीला होली वाली रामलीला के रूप में प्रख्यात होने की वजह से वर्ल्ड हैरिटेज के रूप में भी जानी जाती है। 2008 में इसको यूनेस्को ने वर्ल्ड हैरिटेज की लिस्ट में शामिल किया था। वर्ष 2015 में इस रामलीला को विश्व धरोहर घोषित किया गया। इसी वजह से उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से इसके आयोजन के लिए हर साल एक लाख रुपये की सहायता दी जाती है।

रामबरात का आयोजन भी होता है अनूठा
होली वाली इस रामलीला की ओर से होली वाले दिन हर साल बरेली शहर में रामबरात का भव्य आयोजन किया जाता है। यह भी अनूठा आयोजन है। इसमें शामिल होकर पूरे शहर की हर गली और मोहल्ले को रंगों से सराबोर कर देता है। इस रामबरात को देखने के लिए दूर-दूर से लोग बरेली आते हैं। खास बात यह कि इस रामबरात का स्वागत मुस्लिम भी करते हैं।  

सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी जानी जाती है रामलीला
होली वाली बरेली की रामलीला सांप्रदायिक सौहार्द के लिए इस मायने में भी जानी जाती है, क्योंकि इसमें मुस्लिम भी सहयोग करते हैं। बताते हैं कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में इस रामलीला के मंचन पर रोक लगाने की कोशिश की थी। तब मुस्लिमों के धर्मगुरु आला हजरत ने इस रामलीला की पैरवी की और इसको फिर से शुरू कराने में योगदान दिया था।

इस बार संचालन समिति करा रही है आयोजन
बहुत सारे लोग दशकों से रामलीला सभा वमनपुरी कमेटी से जुड़े हुए हैं। उनमें से कई तो बुजुर्ग हो चुके हैं। ऐसे में, इस बार रामलीला के आयोजन के लिए एक संचालन समिति का गठन किया गया। इसके अध्यक्ष सर्वेश रस्तोगी बताते हैं कि रामलीला के आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कलाकार 12 मार्च को आयोजन से पहले पहुंच जाएंगे।

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