उन्नाव की दलित लड़की का दोबारा पोस्टमार्टम की मंजूरी मिल गई है। जिसके लिए टीम लखनऊ से रवाना हो चुकी है। उस टीम में 2 पुरुष व 1 महिला डॉक्टर शामिल है। शव को पुलिस- प्रशासन ने उन्नाव पोस्टमार्टम हाउस में ले आई है।
उन्नाव: उत्तर प्रदेश के जिले उन्नाव में 8 दिसंबर से गायब दलित लड़की की हत्या के मामले में निर्भया और हाथरस केस लड़ने वाली वरिष्ठ अधिवक्ता और बहुजन समाजवादी पार्टी की नेता सीमा कुशवाहा पीड़ित परिवार की ओर से केस लड़ने का ऐलान किया था। तो वहीं उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस की कार्यशैली और कार्रवाई पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अभी तक किन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई, एसपी ने इस बात की लिखित जानकारी नहीं दी। उन्होंने पीजीआई के डाक्टरों से दोबारा पोस्टमार्टम कराए जाने की भी मांग भी की थी।
दोबारा होगा पोस्टमार्टम
उनकी इस मांग को मान लिया गया है। जिसके लिए लखनऊ से टीम निकल चुकी है। उस टीम में 2 पुरुष, 1 महिला डॉक्टर शामिल हैं। 3 डॉक्टरों की पैनल टीम रास्ते में है, उसके पहुंचते ही पोस्टमार्टम शुरू हो जाएगा। पोस्टमार्टम की टीम में PGI, KGMU, RML के 3 डॉक्टरों की टीम है। शव को पुलिस- प्रशासन ने उन्नाव पोस्टमार्टम हाउस में ले आई है। युवती का शव चन्दनघाट से खुदवाया गया।
निर्भया कांड था करियर का पहला केस
सीमा कुशवाहा वहीं वकील हैं, जिन्होंने निर्भया केस लड़ा था। इस केस के चारों अपराधियों मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन कुमार गुप्ता और विनय कुमार शर्मा को 20 मार्च को फांसी दिलाई। निर्भया को इंसाफ दिलाने का श्रेय सीमा को ही जाता है। बता दें कि यह उनके वकालत के करियर का पहला केस था।
मायावती से मिला था पीड़ित परिवार
बता दे कि इस मामले में बसपा सुप्रिमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि मुझसे पीड़ित परिवार ने मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि उन्नाव में दलित युवा लडकी का अपहरण कर उसकी नृशंस हत्या के संगीन मामले में पीड़ित परिवार के लोग समुचित न्याय की तलाश में कल रात लखनऊ आकर मुझसे मिले और अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाई, जिससे स्पष्ट है कि सपा नेता के बेटे सहित लोकल पुलिस भी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है।