
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: पांचवें चरण का मतदान कल यानी 27 फरवरी को है। अयोध्या विधानसभा में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत लगा दी है। अब मतदाता किसके पक्ष में निर्णय लेंगे यह भविष्य तय करेगा। फिर भी भारतीय जनता पार्टी बीजेपी को हिंदुत्व की प्रखरता और मंदिर निर्माण का जहां लाभ होता दिख रहा है, वही सत्ता के कारण नुकसान भी है। इस नुकसान में वह मतदाता विशेष रूप में हैं जो सरकार की नीतियों और क्रियाकलापों से प्रभावित है। इन मतदाताओं का रूप प्रत्याशियों का भविष्य निर्धारित करेगा। क्योंकि 2022 में बीजेपी की स्थिति 2017 के मुकाबले उतनी मजबूत नहीं कही जा सकती। इस चुनाव में पिछड़ा वर्ग दलित वर्ग में बीजेपी ने सेंध जरूर लगाई है तमाम केंद्रीय योजनाओं द्वारा। लेकिन उसका कितना लाभ पार्टी फिर से उठा पाएगी यह पता 10 मार्च को पता चलेगा जब वोटों की काउंटिंग होगी।
बिखर गए हैं विधानसभा के वोटर
विधानसभा चुनाव के आरंभ से ही माना जा रहा है कि बीजेपी और सपा में सीधी टक्कर होगी दूसरे दल भाजपा कांग्रेस और आप भी संघर्ष कर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में हाथ पैर मार रहे हैं ।इस बार अयोध्या विधानसभा में रुदौली, गोसाईगंज, बीकापुर और मिल्कीपुर में वोटर बिखर गए हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव की रैलियों के बाद से मुकाबला इन्हीं दो पार्टियों में सीधा दिख रहा है।
लगभग विधानसभा में त्रिकोणीय लड़ाई
अयोध्या सदर में बीजेपी प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्ता और सपा के तेज नारायण पांडे की सीधी लड़ाई है। प्रत्याशी सिटिंग एमएलए है इसलिए हम कुछ लोगों में नाराजगी भी है। इसी नाराजगी को सपा वोटों में तब्दील करने में जुटी है।
रुदौली विधानसभा की चुनावी गणित जातीय समीकरण में उलझ गई है। वोटों के बिखराव से यह जीत हार की इबारत लिखी जाएगी यह तय है। पिछले दो चुनाव से रुदौली में बीजेपी का कब्जा है। बीजेपी के दो बार विधायक रामचंद्र यादव और सपा से बीकापुर के पूर्व विधायक आनंद सेन यादव और बीएसपी से अब्बास अली रुश्दी मियां की कड़ी टक्कर है। 9 साल बाद कांग्रेस ने भी यहां से प्रत्याशी दयानंद शुक्ला को उतारा है। गोसाईगंज विधानसभा की नब्ज टटोलने पर पता चलता है । यहां दो बाहुबलियों की सीधी टक्कर है। सपा से अभय सिंह और भाजपा से खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी का सीधा मुकाबला है। लेकिन अंदर ही अंदर जातिगत समीकरण से बीएसपी के प्रत्याशी राम सागर वर्मा वोटों में सेंध लगा रहे हैं। इसी तरह के हालात बीकापुर विधानसभा में भी है सपा के प्रत्याशी फिरोज खान गब्बर और बीजेपी के अमित सिंह भाजपा के सुनील पाठक की लड़ाई है।
वर्ष 1992 के बाद से अयोध्या सदर की सीट बनी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा
राम मंदिर आंदोलन के दौर से खासतौर पर अयोध्या सदर सीट बीजेपी की प्रतिष्ठा बन चुकी है। 1991 के बाद से पिछले चुनाव तक पार्टी एक बार डिफीट खाई है। वर्ष 2012 में सपा ने युवा नेता तेज नारायण पांडे को लड़ा कर सेंध लगाने में कामयाब हुई ।इससे पहले लगातार बीजेपी के प्रत्याशी लल्लू सिंह ने परचम लहराया । लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी ने सपा से अपनी सीट छीन ली और वेद प्रकाश गुप्ता 51000 मतों से जीत गए।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।
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