यूपी चुनाव परिणाम के अनुसार जिन दलों के पास ज्यादा विधायक होते हैं उन्हें बड़े कार्यालय आवंटित किए जाते हैं। वहीं जिन दलों के पास विधायकों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है उन पर विधानसभा अध्यक्ष अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेते हैं। यहां फिलहाल न्यूनतम संख्या के बारे में कोई नियम प्रचलित नहीं है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों (UP Election Result 2022) का असर विधानभवन (Vidhan Bhawan) में स्थित राजनीतिक दलों के कार्यालयों के आवंटन पर भी पड़ने के आसार हैं। माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) और कांग्रेस (Congress) को आवंटित बड़े-बड़े कार्यालय उनसे छीने जा सकते हैं। इसके पीछे का कारण है कि कांग्रेस के पास अब महज 2 और बसपा (BSP) के पास सिर्फ 1 ही विधायक है।
रिपोर्टस में विधानसभा के विशेष सचिव बृजभूषण दुबे के हवाले से बताया गया कि जिन दलों के पास ज्यादा विधायक होते हैं उन्हें बड़े कार्यालय आवंटित किए जाते हैं। वहीं जिन दलों के पास विधायकों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है उन पर विधानसभा अध्यक्ष अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेते हैं। यहां फिलहाल न्यूनतम संख्या के बारे में कोई नियम प्रचलित नहीं है।
दरअसल यूपी चुनाव 2022 में मिली सीटों के आधार पर ही 8 विधायक वाले राष्ट्रीय लोकदल को नया कार्यालय दिया जाएगा। जबकि 6 विधायक वाली निषाद पार्टी को भी नए कार्यालय का आवंटन होना है। पिछली बार रालोद का एक विधायक था और उसे कार्यालय आवंटित नहीं हुआ था। हालांकि माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस और बसपा को मिले विधायकों के आधार पर उन्हें छोटा कार्यालय आवंटित हो सकता है। वहीं जनसत्ता दल को भी इसी आधार पर कार्यालय उपलब्ध हो सकता है। ज्ञात हो कि पिछले चुनाव के बाद सुभासपा और अपना दल सोनेलाल को कार्यालय का आवंटन किया गया था। जो इस बार भी बरकरार रहने के आसार हैं।
फिलहाल आने वाले कुछ दिनों में ही इसका फैसला हो जाएगा। जिसके बाद पता चलेगा कि कांग्रेस और बसपा के कार्यलय को लेकर क्या फैसला लिया गया है। वहीं जिन पार्टियों को नया कार्यालय मिलना है वह भी उसी दौरान क्लियर हो पाएगा।