वाराणसी में बिना अनुमति चौपाल लगाने को लेकर गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। हार्दिक पटेल ने रतनपुर गांव पहुंचकर चुनावी चौपाल लगाई थी। इस मामले में उन पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।
वाराणसी: गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। रविवार को उन्होंने वाराणसी (Varanasi) के रतनपुर गांव में चौपाल लगाई। यहां बिना अनुमति के चौपाल लगाने को लेकर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर पहुंचे थानाध्यक्ष बड़ागांव रामबाबू पटेल मामले की जांच में लगे हुए हैं।
गौरतलब है कि रविवार को गुजरात कांग्रेस प्रदेश कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल चुनाव प्रचार के लिए बनारस आए थे। हार्दिक ने पटेल समुदाय के लोगों के बीच पिंडरा के रतनपुर गांव में चौपाल लगाई थी। इस दौरान वह केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमलावर दिखाई दिए थे। हालांकि इसी चौपाल को लेकर उनकी समस्या बढ़ती दिख रही है।
थानाध्यक्ष बड़ागांव के अनुसार बिना अनुमति के चौपाल लगाने की सूचना पर फ्लाईंग स्क्वायड और स्टेटिक टीम मौके पर पहुंची है। जांच पड़ताल की जा रही है। यदि जांच में दोषी पाया जाएगा और आचार संहिता का उल्लंघन मिलेगा तो हार्दिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
हार्दिक ने पुलिस पर लगाया था यह आरोप
वाराणसी में हार्दिक पटेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के नौजवान यहां आए पढ़े लिखे और रोजगार मिले लेकिन यहां पर पुलिस द्वारा कोई भी विपक्ष का कार्यक्रम होता है। उसे सरकारी आदेश पर रोकने का कार्य किया जाता है उस कार्यक्रम को नहीं होने दिया जाता उत्तर प्रदेश में पुलिस तंत्र सरकार आम जनता और आम पार्टियों पर हावी हो रहा है। और यह लोग सिर्फ डराने और धमकाने का कार्य करते हैं। पटेल ने गुजरात की बात उठाते हुए कहा कि जिस तरह गुजरात में पुलिस के आगे करके सारे काम किए जाते थे उसी तरह उत्तर प्रदेश में योगी सरकार काम कर रही है।