समाजवादी पार्टी ने डकैत ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को चित्रकूट के मानिकपुर सीट से प्रत्याशी बनाया था। बुंदेलखंड के इलाके में एक समय ऐसा भी था जब ददुआ की तूती बोलती थी। इस इलाके को लेकर कहा जाता था कि विधायक और सांसद ही नहीं यहां बिना ददुआ की मर्जी के प्रधान भी नहीं चुने जा पाते थे।
लखनऊ: सपा प्रत्याशी दस्यु सम्राट ददुआ के पुत्र वीर सिंह (Veer Singh) ने यूपी चुनाव (UP Chunav 2021) लड़ने से इनकार कर दिया है। वीर सिंह को सपा ने चित्रकूट जिले के मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। शुक्रवार को वीर सिंह पटेल ने लखनऊ सपा कार्यालय पहुंच चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वीर सिंह का कहना है कि उन्होंने चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया था। हालांकि पार्टी ने उन्हें मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया। उनकी पूरी तैयारी चित्रकूट विधानसभा सीट को लेकर थी। जबकि मानिकपुर विधानसभा सीट से संगठन भी मजबूत नहीं है। वह पार्टी के साथ हैं, पार्टी जिसे भी टिकट देगी वो उसका पूरा साथ देंगे। लेकिन वह स्वयं मानिकपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे।
ददुआ को मरे तकरीबन 14 साल गुजर चुके हैं, हालांकि चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उनके नाम पर सियासत खत्म नहीं हो सकी है। ददुआ भले ही डकैत रहा हो लेकिन उसका असर बुंदेलखंड के कुर्मी समाज में उसकी छवि का असर था। इन्हीं सभी समीकरणों को देखते हुए सपा ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था।
2012 में विधायक चुने गए थे वीर सिंह
वीर सिंह पटेल 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर जीतकर वीर सिंह विधायक बने थे। लेकिन वह 2017 के चुनाव में बीजेपी से मात खा गए थे। मानिकपुर सीट पर पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा। वीर सिंह की पत्नी ममता पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। वीर सिंह 2017 में बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के हाथों हार गए थे।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।