उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 14 फरवरी को होना है। नौ जिलों की 55 सीटों के लिए लड़ाई काफी कड़ी होने वाली है। अमरोहा, बरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, सहारनपुर, बिजनौर, संभल, रामपुर और बदायूं जिले में पड़ने वाली इन 55 सीटों पर कुल 586 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा बरेली के कैंट, मुरादाबाद के कांठ और शाहजहांपुर सीट से 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं। पढ़िए दूसरे चरण की दस सबसे हॉट सीटों पर क्या है समीकरण?
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर वोट डाले गए और 60.17 फीसदी मतदान हुआ। अब सभी राजनीतिक दलों की नज़र दूसरे चरण के चुनाव पर है। 403 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है। आइए जानते हैं कि इस चरण में क्या समीकरण हैं। सत्ताधारी बीजेपी के लिए क्या चुनौतियां हैं और पिछले चुनाव के नतीजे कैसे रहे थे।
नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण 14 फरवरी को होना है। नौ जिलों की 55 सीटों के लिए लड़ाई काफी कड़ी होने वाली है। अमरोहा, बरेली, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, सहारनपुर, बिजनौर, संभल, रामपुर और बदायूं जिले में पड़ने वाली इन 55 सीटों पर कुल 586 प्रत्याशी मैदान में हैं। सबसे ज्यादा बरेली के कैंट, मुरादाबाद के कांठ और शाहजहांपुर सीट से 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं। पढ़िए दूसरे चरण की दस सबसे हॉट सीटों पर क्या है समीकरण?
रामपुर विधानसभा सीट
रामपुर में ‘राज’ बचाने के लिए जेल से चुनाव लड़ रहे हैं आजम खान
रामपुर सीट इस बार भी हॉट सीट बनी हुई है। यूपी के दिग्गज राजनीतिक शख्सियत रहे आजम खान इस सीट से एक बार फिर मैदान में हैं. दो साल से जेल में बंद समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान यहां से चुनाव मैदान में हैं. आजम खान के खिलाफ बीजेपी ने आकाश सक्सेना, बसपा ने सदाकत हुसैन और कांग्रेस ने काजिम अली खान को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उनकी राजनीतिक हैसियत की बात करें तो 80 के दशक से यह सीट उनके और उनके परिजनों के पास हैं और वह 9 बार इस सीट से जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंच चुके हैं। वह सपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं।
स्वार विधानसभा सीट
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को रामपुर की स्वार सीट से सपा ने टिकट दिया है। अब्दुल्ला आजम भी पिता के साथ पिछले दो साल से जेल में बंद थे। अभी कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। गौरतलब हो कि अब्दुल्ला पर 43 आपराधिक मामले चल रहे हैं। अब्दुल्ला के खिलाफ अपना दल (सोनेलाल) ने हैदर अली खान, बसपा ने शंकर लाल सैनी और कांग्रेस ने राम रक्षपाल सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
शाहजहांपुर विधानसभा सीट
दूसरे चरण में सबकी नजरें शाहजहांपुर विधानसभा सीट पर है। इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता व योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना अपना ताज बचाने के लिए मैदान में हैं. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 1989 से इस सीट पर लगातार सुरेश खन्ना का वर्चस्व कायम है. खन्ना कई बार मंत्री रह चुके हैं. शाहजहांपुर विधानसभा में करीब तीन लाख 59 हजार मतदाता हैं। इस बार खन्ना के खिलाफ सपा ने तनवीर खान, बसपा ने सर्वेश चंद्र धांधू और कांग्रेस ने पूनम को उम्मीदवार बनाया है।
सुरेश खन्ना की राजनीतिक हैसियत की बात करें तो वह अभी तक इस सीट से 8 चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंच चुके हैं. सुरेश खन्ना इस सीट पर पहली बार 1989 में विधायक बने थे। जिसके बाद उनका जीत का सफर लगातार जारी है। वह 1989 के बाद 1991, 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीत चुके हैं। खन्ना मौजूदा समय में योगी सरकार में मंत्री भी हैं। अब 2022 के इस विधानसभा चुनाव में 9वीं बार जीत दर्ज करने के लिए वह मैदान में हैं। इस चुनाव में उनका मुकाबला सपा गठबंधन के तनवीर खान, बसपा के सर्वेस पांडे और कांग्रेस की पूनम पांडे से हैं।
कुंदरकी विधानसभा सीट
मुरादाबाद की कुंदरकी सीट भी इस बार खासी चर्चा में है। यहां से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान को सपा पार्टी ने टिकट दिया है। इस सीट से अभी तक सपा के विधायक रहे हाजी रिजवान टिकट कटने के बाद बीएसपी में शामिल हो गए. अब बसपा ने उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने कमल प्रजापति और कांग्रेस ने दरकशा बेगम को अपना उम्मीदवार बनाया है।
नकुड़ विधानसभा सीट
सहारनपुर जिले की नकुड़ विधासनभा सीट हाईप्रोफाइल हो गई है। यहां से बीजेपी के बागी मंत्री धर्म सिंह सैनी इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. धर्म सिंह सैनी 2017 में बीजेपी से विधायक बने थे। अब तक वह चार बार विधायक रह चुके हैं। सैनी के खिलाफ भाजपा ने मुकेश चौधरी को मैदान में उतारा है. बसपा से साहिल खान और कांग्रेस से रणधीर सिंह चौहान यहां से प्रत्याशी हैं। अगर 2017 के आंकड़ों पर नजर डालें तो डॉ. धर्म सिंह सैनी ने बीजेपी से चुनाव लड़ते हुए 94 हजार 375 वोट हासिल किए. तब कांग्रेस में रहते हुए इमरान मसूद को 90 हजार 318 वोट और बसपा से नवीन चौधरी को 65 हजार 328 वोट मिले थे।
चंदौसी विधानसभा सीट
संभल के चंदौसी सीट से बीजेपी ने योगी सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाबो देवी को टिकट दिया है। पिछली बार भी गुलाबो देवी ने यहां से जीत हासिल की थी। योगी सरकार में मंत्री होने की वजह से सीधे तौर पर चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। इस सीट पर सपा ने उनके मुकाबले के लिए विमलेश कुमारी को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा से रणविजय सिंह उम्मीदवार हैं। जबकि कांग्रेस में मिथिलेश कुमारी को टिकट दिया है. जबकि आजाद समाज पार्टी से रविंद्र कुमार प्रत्याशी हैं।
आंवला विधानसभा सीट
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में होने वाले चुनाव में आंवला विधानसभा सीट एक हाई प्रोफाइल सीट बन चुकी है. इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक धर्मपाल सिंह को मैदान में उतारा है, तो सपा ने आरके शर्मा को टिकट दिया है। आरके शर्मा ने बीजेपी के टिकट पर पिछला चुनाव बिल्सी से जीता था, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा देते हुए सपा का दामन थाम लिया था. सपा ने उन्हें इस सीट पर अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद इस सीट पर बीजेपी के धर्मपाल सिंह के सामने एक बीजेपी के पूर्व विधायक की ही दावेदारी है। वहीं बीएसपी ने इस सीट पर लक्ष्मण प्रसाद लोधी को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने ओमवीर यादव को मैदान पर उतारा है। वहीं बिल्सी से बीजेपी से पिछला चुनाव जीते विधायक राधा कृष्ण शर्मा इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं. धर्मपाल सिंह चार बार, तो शर्मा दो बार विधायक रह चुके हैं. बसपा ने यहां से लक्ष्मण प्रसाद और कांग्रेस ने ओमवीर यादव को टिकट दिया है।
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