मुजफ्फरनगर में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान वह भाजपा पर जमकर हमलवार दिखे। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग चुनाव प्रचार के दौरान नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। चुनाव आ गया है भाजपा को कम से कम अब तो अपना संकल्प पत्र देख लेना चाहिए।
मुजफ्फरनगर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और जयंत चौधरी में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अखिलेश यादव ने कहा कि यह चुनाव चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने का भी है जो किसानों को संपन्न बनाना चाहते थे। लेकिन मौजूदा समय में जो हालात है वह विपरीत है। भाजपा ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी होगी, फसल समय पर खरीदी जाएगी और भुगतान समय पर होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो तीन कानून लाए गए उसके खिलाफ किसान एकजुट होकर सामने आए और उन्हें वापस करवाया। भाजपा के लोग आज भी नहीं बता सकते कि वह कानून क्यों लाए गए थे जो वापस लिए गए। भाजपा ऐसी पार्टी है जो बिना बताए ही ऐसे कानून ले आएगी। लिहाजा आप लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
अखिलेश यादव ने गिनाए वादे
सपा ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया है। इसी के साथ किसानों को सिंचाई माफ होगी। किसानों को भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना होगा। लैपटॉप और समाजवादी पेंशन पहले भी थी और आगे भी रहेगी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि भाजपा को याद दिलाना चाहता हूं कि चुनाव आ गया है अपना संकल्प पत्र तो पढ़ लें। उनका हर वादा जुमला निकला। जब भाजपा घिर जाती है तो भाजपा बुनियादी मुद्दों से हटकर काम करती है। इस क्षेत्र ने हमेशा नकारात्मक सोंच को नकारा है इस बार भी ऐसा ही होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि मैं लाल टोपी के साथ जेब में भी लाल पोटली लेकर चलता हूं। अन्न संकल्प के लिए यह लाल पोटली हमेशा साथ में रहती है।
क्या वापस होंगे बिजली के बिल
अखिलेश यादव ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की ओर से 300 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा की गई तो भाजपा ने भी बिजली बिल आधा कर दिया। मैं (अखिलेश यादव) सवाल करता हूं कि क्या भाजपा ने जो साढ़े चार साल तक बढ़े बिजली के बिल वूसले हैं वह वापस किए जाएंगे? आखिर सरकार ने क्यों इतने समय तक बढ़े हुए बिजली के बिल वसूले।
यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव होगा मंजूर, एम्स के लिए होगी पहल
क्षेत्र में यूनिवर्सिटी और कॉलेज खोलने की मांग पर अखिलेश यादव ने कहा कि यदि क्षेत्र से कोई भी प्रस्ताव आएगा तो वह मंजूर किया जाएगा। एम्स के लिए उन्होंने कहा कि यह हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन हम एम्स के लिए प्रस्ताव जरूर भेजेंगे। केंद्र सरकार जो भी सहूलियत चाहेगी वह सब किया जाएगा।
देरी का बताया कारण
अखिलेश यादव ने बताया कि यह प्रेस वार्ता कुछ घंटों पहले होनी थी। लेकिन जानबूझकर मुझे रोके रखा गया। उन्होंने कहा कि मैं यहां आने के लिए कई घंटों तक हैलीकॉप्टर में बैठा रहा लेकिन मुझे इंतजार करवाया जाता रहा। आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने इससे पहले ट्वीट किया था कि उन्हें रोककर रखा गया है।
आपको बता दें कि सपा आरएलडी गठबंधन का प्रचार अभियान मुजफ्फरनगर से शुरु करने के पीछे भी दोनों नेताओं की खास रणनीति है। वेस्ट यूपी में होने वाले चुनाव का संदेश पूरे प्रदेश में जाता है। इसी के साथ इस बार वेस्ट यूपी के किसान और जाट बीजेपी से नाराज भी बताए जा रहे हैं। यही कारण है कि सपा आरएलडी के नेता यह कामायबी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ज्ञात हो कि यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जोरों पर है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जयंत और अखिलेश ने मुजफ्फरनगर में संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमाम सवालों के जवाब दिए।