यूपी चुनाव के बीच मऊ सदर से सुभासपा उम्मीदवार और मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी के बिगड़े बोड़ सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि भैया(अखिलेश यादव) से कहकर आए हैं 6 माह तक ट्रांसफर नहीं होगा जो यहां है यही रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा।
गौरव शुक्ला
लखनऊ: यूपी चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले मऊ में सुभासपा उम्मीदवार और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) का एक बयान चर्चाओं में बना हुआ है। उन्होंने नगर क्षेत्र के पहाड़पुरा मैदान में आयोजित जनसभा में कहा कि सपा सरकार बनने पर जो भी अधिकारी जिले में हैं उनकी ट्रांसफर पोस्टिंग पर 6 माह के लिए रोक लगेगी। पहले उनका पूरा हिसाब-किताब होगा। पूरी जांच की जाएगी। फिर कुछ होगा।
अब्बास अंसारी ने कहा कि हां हम बाहुबली हैं क्योंकि लाखों करोड़ों बाहों का बल हमारे पास में है। हमारे आन-बान-शान पर कोई आंच आएगी तो उसे बुझाना हम जानते हैं। कुछ बैल फुफकार रहे हैं और कुछ बैल सींघ निकालकर खड़े हैं समय आने दीजिए सभी को बांध दूंगा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव से कहकर आया हूं कि छह माह तक किसी की भी ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगी भैया। जो यहां है वह यहीं रहेगा। सबसे पहले हिसाब-किताब होगा फिर उसके बाद उनके जाने के टिकट पर मुहर लगाया जाएगा।
अखिलेश को अंतिम चरण में होगा नुकसान
अब्बास अंसारी का यह बयान सामने आने के बाद जाहिरतौर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अंतिम चरण के मतदान में नुकसान होने के आसार हैं। एक ओर जहां वह पार्टी की छवि को साफ दिखाने के प्रयास में लगे हैं वहीं यह बयान उससे उलट दिख रहा है। अखिलेश यूपी चुनाव 2017 में भाजपा कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर ही सत्ता के शिखर पर पहुंची थी। 2022 के चुनाव में भी यही कहा जा रहा है कि अगर सत्ता परिवर्तन होगा तो गुंडे माफिया खुलेआम सड़कों पर घूमेंगे और पुलिस का उन पर अंकुश नहीं रह जाएगा। अब्बास अंसारी का बयान भी कुछ इसी ओर इशारा करता है।
मुख्तार को समर्थन का लगता रहा है आरोप
अखिलेश यादव और समजावादी पार्टी पर लगातार बाहूबली मुख्तार के समर्थन का आरोप लगता रहा है। हालांकि अखिलेश सीधे तौर पर इससे इंकार करते रहे हैं। सपा गठबंधन में शामिल सुभासपा की ओर से जब मुख्तार के टिकट को लेकर चर्चाएं हुई तो भी सपा की आलोचना हुई थी। इसके बाद जब अब्बास का नामांकन दाखिल हुआ तो सीधे तौर पर कहा गया कि बैक डोर से सपा अपराधियों को पार्टी से चुनाव लड़ा रही है।
सीधे तौर पर अखिलेश की छवि पर उठ रहा सवाल
भले ही अखिलेश यादव मुख्तार से खुद को दूर दिखाते हो लेकिन जो बयान अब्बास की ओर से दिया गया है उससे उन्हें नुकसान होगा। अब्बास ने बयान में कहा कि वह भैया(अखिलेश यादव) से मुलाकात करके आए हैं। उन्होंने भैया से कहा है कि छह माह तक ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं होगा और पहले सबका हिसाब किताब होगा।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।
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