Inside Story: गोरखपुर ​को 20 साल बाद मिलेगा नया MLA, पर्दे के पीछे की कहानी जान‍िए

गोरखपुर जिले की शहर विधानसभा सीट को 20 साल बाद नया विधायक मिलेगा। गोरखपुर शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव लड़ रहे हैं। इस वजह से इस विधानसभा को हॉट सीट माना जा रहा है। प्रदेश भर की निगाहें इस सीट पर हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2022 6:25 AM IST

अनुराग पाण्डेय

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की शहर विधानसभा सीट को 20 साल बाद नया विधायक मिलेगा। गोरखपुर शहर सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव लड़ रहे हैं। इस वजह से इस विधानसभा को हॉट सीट माना जा रहा है। प्रदेश भर की निगाहें इस सीट पर हैं। यहां जितने भी प्रत्याशियों ने चुनाव में ताल ठोंकी है, ये सभी उम्मीदवार पहली बार विधानसभा चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं। चाहे वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों या फिर भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद हों ये सभी बड़े नेता पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें, कि साल 2002 से ही लगातार गोरखपुर शहर सीट पर भाजपा के विधायक डॉ. राधा मोहन अग्रवाल का कब्जा रहा है। साल 2022 चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के आने की वजह से विधायक डॉ. राधा मोहन को ये सीट छोड़नी पड़ी। वर्तमान विधायक डॉ. राधा मोहन इस समय सीएम योगी आदित्यनाथ का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। 

शहर विधानसभा के सारे प्रत्याशी नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे पहले कभी विधान सभा चुनाव नहीं लड़े हैं। साल 2017 में सीएम बनने के बाद सांसदी के पद से योगी ने इस्तीफा दे दिया था। वे एमएलसी के पद पर मनोनीत कर दिए गए। वहीं भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद भी अपने राजनीतिक कॅरियर में पहली बार चुनाव मैदान में हैं। बसपा के प्रत्याशी ख्वाजा शमसुदृीन 20 साल से पार्टी की सेवा कार्य में लगे हैं, उनका भी ये पहला चुनाव है। वहीं सपा उम्मीद्वार स्व. उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला पहली बार राजनीति में आई हैं। इससे पहले उन्होंने भी चुनाव नहीं लड़ा है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी विजय श्रीवास्तव भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। गोरखपुर शहर सीट पर 20 साल बाद 2022 में ऐसा होगा कि कोई नया चेहरा यहां से विधान सभा पहुंचेगा।

गोरखपुर का जातीय समीकरण
गोरखपुर सदर सीट पर वर्तमान में 4,53,662 मतदाता हैं, जिनमें 2,43,013 पुरुष और 2,10,574 महिला हैं। इस सीट पर 95 हजार से अधिक कायस्थ मतदाता हैं जबकि 55 हजार ब्राह्मण हैं। 25 हजार क्षत्रिय और 50 हजार के लगभग मुस्लिम मतदाता है। वैश्य मततदाता की संख्या भी 50 हजार से ज्यादा है। निषाद 25 हजार, दलित 25 हजार तो यादव 25 हजार बताए जाते हैं। वहीं, विश्वकर्मा 4 हजार, पंजाबी 7 हजार, सिंधी 7 ​हजार, बंगाली 6 हजार मतदाता हैं।

गोरखपुर सदर सीट का इतिहास
यूपी की 403 विधानसभा में एक गोरखपुर सदर विधानसभा 322 नंबर से जानी जाती है। 1951 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ था। तब कांग्रेस के इस्तिफा हुसैन पहली बार विधायक बने थे। 1962 में कांग्रेस के नेमतुल्लाह अंसारी विधायक चुने गए। 1967 में यह सीट भारतीय जनसंघ के पास चली गई और उदय प्रताप दुबे विधायक बने। 1969 में जनसंघ के ही राम लाल भाई जबकि 1974 से 1977 तक वरिष्ठ अधिवक्ता अवधेश कुमार श्रीवास्तव जनसंघ से विधायक चुने गए। तीन बार जनसंघ का विधायक होने के बाद 1985 में यह सीट कांग्रेस के सुनील शास्त्री ने जनसंघ से छीन ली पर 1989 में यह सीट फिर भाजपा ने शिव प्रताप शुक्ला ने कांग्रेस से छीन ली। तब से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।

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