यूपी चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से मिली हार के बाद लोग सवाल उठा रहे हैं कि अब उनका क्या होगा? केशव प्रसाद मौर्य को सपा गठबंधन प्रत्याशी पल्लवी पटेल से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद कई चर्चाएं गरम हैं। एक ओर जहां सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के एक बार फिर सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया है तो वहीं सिराथू से पार्टी को जोरदार झटका भी लगा है। इस हार के बाद एक सवाल खड़ा हो रहा है कि चुनाव हारने के बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) का क्या होगा? क्या हार के बाद बीजेपी उन्हें फिर से उप मुख्यमंत्री बनाएगी या उनकी भूमिका में कोई बदलाव किया जाएगा?
हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। केशव प्रसाद मौर्य को अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने सपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर शिकस्त का सामना कराया। पल्लवी पटेल को 46.49 फीसदी वोट मिले तो वहीं केशव प्रसाद मौर्य को 43.28 फीसदी वोट हासिल हुए। हालांकि नतीजों के ऐलान के साथ केशव प्रसाद ने ट्वीट कर विनम्रतापूर्वक इन नतीजों को स्वीकार किया।
दिग्गजों का प्रचार भी नहीं बचा पाया केशव का किला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों का प्रचार भी केशव को हार से नहीं बचा पाया। इस हार के बाद सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या केशव को अपनी कुर्सी वापस मिल पाएगी? कुछ जानकारों का मानना है कि केशव को मंत्र पद की शपथ दिलाई जा सकती हैं। लेकिन छह माह के भीतर दोनों में से किसी सदन में निर्वाचित होना आवश्यक होता है। लिहाजा केशव को विधानपरिषद के रास्ते कैबिनेट भेजा जा सकता है।
केशव की हार के पीछे का यह है कारण
सिराथू से केशव की हार के पीछे का सबसे अहम कारण है कि केशव प्रसाद वहां पूरा ध्यान ही नहीं दे पाए। केशव के कंधों पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी थी कि वह उसी में लगे रहें। यहां तक मतदान के दिन भी केशव अन्य प्रत्याशियों के लिए प्रचार में लगे हुए थे।
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