'दलबदलू' स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जाकर फंस गए ये नेता, चुनाव रिजल्ट आया तो 'न माया मिली न राम'

यूपी चुनाव से पहले कमल का साथ छोड़ साइकिल की सवारी करने वाले नेताओं ने न माया मिली न राम वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है। चुनाव से पहले दलबदल का खामियाजा इन नेताओं को भुगतना पड़ा और जनता ने इन्हें नकार दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2022 5:26 AM IST / Updated: Mar 11 2022, 11:43 AM IST

लखनऊ: यूपी चुनाव से ठीक पहले भाजपा को अलविदा कहने वाले नेताओं ने दुविधा में दोनों गए न माया मिली न राम वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी समेत डेढ़ दर्जन से अधिक नेताओं ने चुनाव ठीक पहले भाजपा छोड़कर सपा का दामन थामा था। इन नेताओं को लेकर कहा जा रहा था कि वह हवा का रुख भापकर सपा में गए हैं। हालांकि जब चुनाव परिणाम सामने आया है तो न घर के रहे न घाट के वाली बात सच साबित हुई है। 

स्वामी प्रसाद मौर्य 
कैबिनेट में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद वह पहले नेता थे जिनके जाने से बड़ी उथल पुथल मची थी। उन्होंने पिछड़ों के उत्पीड़न और विकास नहीं करने का आरोप लगाया था। इसी के साथ कहा था कि भाजपा के ताबूत में आखिरी कील ठोकी है। लेकिन जब चुनाव परिणाम सामने आए तो स्वामी को बड़ा झटका लगा। फाजिलनगर सीट से उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा ने उन्हें 45 हजार से अधिक वोटों के अंतर से चुनाव में हराया। 

Latest Videos

धर्म सिंह सैनी
 स्वामी प्रसाद की तरह ही धर्म सिंह सैनी ने भी भाजपा पर पिछड़ों का विकास नहीं करने का आरोप लगाया था। इसी के साथ वह सपा में शामिल हुए थे। लेकिन चुनाव में जो हाल स्वामी का हुआ वही धर्म सिंह सैनी का भी हुआ। उन्हें नकुड़ सीट से हार का सामना करना पड़ा। धर्म सिंह सैनी भाजपा प्रत्याशी मुकेश चौधरी से हार गए। धर्म सिंह सैनी को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि वह स्वामी के साथ जाकर फंस गए। इसका कारण है 2002 के बाद 2007 में भी उनका विजय रथ यहां चलता रहा। 

बृजेश कुमार प्रजापति
भाजपा छोड़कर सपा में जाने वाले नेताओं की लिस्ट में बृजेश कुमार प्रजापति का भी नाम था। भाजपा से किनारा कर सपा में पहुंचे बृजेश को जनता ने उनके दल बदल का परिणाम दे दिया है। उन्हें भाजपा प्रत्याशी रामकेश निषाद से हार का सामना करना पड़ा है। 

रोशन लाल वर्मा 
भाजपा छोड़ने वालों में रोशनलाल वर्मा का नाम भी शामिल था। लेकिन अन्य नेताओं की तरह उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा से प्रत्याशी सलोना कुशवाहा ने रोशन लाल वर्मा को तिलहर विधानसभा सीट से करारी शिकस्त दी। 

माधुरी वर्मा 
माधुरी वर्मा का नाम भी उन विधायकों की लिस्ट में था जिन्होंने चुनाव से पहले कमल का साथ छोड़कर साइकिल का सवारी की थी। लेकिन उनकी यह सवारी जनता को रास नहीं आई। माधुरी वर्मा को अपना दल के प्रत्याशी राम निवास से हार का सामना करना पड़ा। 

सिराथू से हारे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, जानिए क्या हैं प्रमुख 5 कारण

Share this article
click me!

Latest Videos

इजरायल ने हमास सरकार के चीफ सहित 3 टॉप लीडर्स को किया ढेर
हरियाणा इलेक्शन 2024 के 20 VIP फेस, इनपर टिकी हैं देश की निगाहें
चाणक्य: 4 चीजों में महिलाओं की बराबरी नहीं कर सकते हैं पुरुष #Shorts
'हिम्मत कैसे हुई पूछने की' भरी अदालत में वकील पर क्यों भड़के CJI चंद्रचूड़
इजरायल को खत्म कर देंगे...हाथ में बंदूक थाम खामेनेई ने किया वादा