यूपी विधानसभा चुनाव की जिस सीट पर योगी आदित्यनाथ की विजय पक्की मानी जा रही है, उसी विधान सभा में सपा की कैंडिडेट भाजपा नेता की पत्नी शुभावती शुक्ला को भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री द्वारा आशीर्वाद देने के बाद उन्हें जीत की एडवांस बधाईयां दी जा रही हैं।
अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले का चुनाव बेहद ही दिलचस्प होता जा रहा है। गोरखपुर शहर सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ के कैंडिडेट बनने के बाद पूरे देश और प्रदेश की नजरें गोरक्षनगरी पर टिक गई हैं। वहीं हर दिन सीएम सिटी में कुछ नया चुनावी समीकरण देखने को मिल रहा है। जिस सीट पर योगी आदित्यनाथ की विजय पक्की मानी जा रही है, उसी विधान सभा में सपा की कैंडिडेट भाजपा नेता की पत्नी शुभावती शुक्ला को भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री द्वारा आशीर्वाद देने के बाद उन्हें जीत की एडवांस बधाईयां दी जा रही हैं। सोशल मीडिया पर बधाईयों का दौर देखकर एक समय के लिए भाजपा कार्यकर्ता भी सदमे में आ गए हैं और आम जनता ये सब देखकर हैरान है।
ये बता दें कि भाजपा के कद्दावर नेता रहे स्व. उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला को समाज वादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा नेता के परिवार का आरोप है कि स्व. उपेन्द्र शुक्ला जिंदगी भर पार्टी के लिए समर्पित रहे, लेकिन उनके निधन के बाद उनकी उपेक्षा की गई। भाजपा नेता के परिवार से मिलने सीएम नहीं आए। इस बात से आहत होकर भाजपा नेता के परिवार वालों ने सपा की सदस्यता ग्रहण की। अब विधानसभा चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भाजपा नेता की पत्नी बतौर प्रत्याशी मुख्यमंत्री को चुनौती दे रही हैं।
शुभावती शुक्ला ने लिया पूर्व केन्द्रीय मंत्री का अशीर्वाद
सोमवार को भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के घर जाकर सपा प्रत्याशी शुभावती शुक्ला ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद भाजपा केन्द्रीय मंत्री से आशीर्वाद लेते हुए ली गईं तस्वीरें अपने फेसबुक पेज से वायरल कर दी। शुभावती शुक्ला ने फेसबुक पेज पर लिखा है कि आज हमारे परिवार के अभिभावक हमारे ज्येष्ठ जिनका स्नेह और मार्गदर्शन सदैव हमारे पति हम सभी परिवार के सदस्यों को मिलता रहता है। ऐसे नेता भारत सरकार के पूर्व वित्त राज्यमंत्री/राज्यसभा सांसद आदरणीय शिवप्रताप शुक्ल जी का आशिर्वाद प्राप्त कर आज के जनसम्पर्क अभियान का शुभारंभ करते हुए।
बीजेपी की ब्राह्मण कमेटी के अध्यक्ष हैं शिव प्रताप
सीएम योगी पर लगातार एक जाति का पक्ष लेने का आरोप लगता रहा है। ऐसे में ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के घर हुई बैठक के बाद एक कमेटी बनाई गई, जिसके अध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला बनाए गए हैं। ये कह सकते हैं कि पूर्वांचल के ब्राह्मणों को भाजपा की तरफ आकर्षित करने की जिम्मेदारी शिव प्रताप शुक्ला को मिली है। बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने ब्राह्मण कमेटी की कमान जिस शिव प्रताप शुक्ल को सौंपी है, वो पूर्वांचल में सीएम योगी के गोरखपुर से आते हैं। बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे के तौर पर वो देखे जाते हैं। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे और इस वक्त राज्यसभा सांसद हैं।
साल 2002 में शिव प्रताप से छिनी थी योगी ने विधायकी
शिव प्रताप शुक्ल और सीएम योगी के बीच छत्तीस के आंकड़े जगजाहिर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने एक समय शिव प्रताप शुक्ल को गोरखपुर में चुनावी मात दिलाकर उनकी पूरी सियासत खत्म कर दी थी। शिव प्रताप ने लगातार चार बार विधानसभा का चुनाव जीता है। साल 1989, 1991, 1993 और 1996 में विधायक और यूपी में मंत्री भी रहे। साल 2002 में योगी ने अपना सियासी वर्चस्व कायम करने के लिए शिव प्रताप के खिलाफ अपना प्रत्याशी डॉ. राधा मोहन को खड़ा करके उन्हें चुनाव हरवाया था।
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