Special Story: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच एमएलसी की बारी, जानिए- कैसा होगा संग्राम

Published : Jan 30, 2022, 06:19 PM ISTUpdated : Feb 01, 2022, 05:13 PM IST
Special Story: यूपी विधानसभा चुनाव के बीच एमएलसी की बारी, जानिए- कैसा होगा संग्राम

सार

यूपी में एमएलसी के जो चुनाव विधान सभा चुनाव के बाद कराए जाने की संभावना जताई जा रही थी, उनका चुनाव कार्यक्रम अभी से जारी कर दिया गया है। अब भाजपा और सपा समेत सभी दलों को एमएलसी चुनाव के लिए भी जुटना होगा।   

राजीव शर्मा
बरेली: विधानसभा चुनाव के बीच यूपी में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ऐसी कई सीटों पर चुनाव का भी आगाज हो चुका है, जिनका कार्यकाल मार्च में खत्म हो रहा है। इनमें बरेली-रामपुर की स्थानीय निकाय सीट भी है। अलबत्ता, इन एमएलसी की सीटों पर सत्ता पक्ष की जीत लगभग तय मानी जाती रही है लेकिन विधानसभा चुनाव के बीच हो रहे इनके चुनाव को लेकर कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं। दरअसल, स्थानीय निकाय का एमएलसी ग्राम प्रधान, जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी चुनते हैं, इसलिए माना जाता है कि सबकुछ सत्ता पक्ष के इशारे पर तय होता है लेकिन विधानसभा चुनाव के बीच एमएलसी चुनाव होने से सत्तारूढ़ भाजपा कितना लाभ उठा पाएगी, अभी कहना मुश्किल है।

भाजपा में जा चुके हैं सपा के एमएलसी
वैसे, बरेली-रामपुर स्थानीय निकाय सीट पर सपा का कब्जा है। यह बात अलग है कि मौजूदा एमएलसी घनश्याम लोधी हाल ही में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। माना जा रहा है कि फिर से एमएलसी बनने के लिए सत्ता पक्ष का लाभ हासिल करने के लिए वह भाजपा में आए हैं लेकिन अभी भाजपा को इस चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी तय करना है। ज्यादा संभावना घनश्याम लोधी को ही टिकट दिए जाने की जताई जा रही है। अलबत्ता, भाजपा में इस चुनाव के लिए दावेदार कई हैं। इनमें पिछला क्षेत्रीय महामंत्री रहे पूरनलाल लोधी, रवि रस्तोगी और बरेली के पूर्व जिलाध्यक्ष कुंवर महाराज सिंह के नाम चल रहे हैं। एक और नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, वह है- पिछला एमएलसी चुनाव भाजपा से ही लड़े पीपी सिंह का है। वह इस तर्क पर टिकट मांग रहे हैं कि पिछले चुनाव में भाजपा के सत्ता में न होने के बाद भी उन्होंने मजबूती से चुनाव लड़ा था। अब पार्टी को उन्हें मौका देना चाहिए।

पिछले चुनाव में सपा ने ऐन मौके पर बदला था टिकट
पिछले चुनाव में घनश्याम लोधी से पहले सपा का टिकट पा चुके डॉ. अनिल शर्मा भी भाजपा प्रत्याशी बनने के लिए जोड़तोड़ में बताए जा रहे हैं। दरअसल, डॉ. शर्मा अब भाजपा में हैं और पिछले चुनाव में जब वह सपा में हुआ करते थे तो अखिलेश यादव ने उनको एमएलसी का प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने नामांकन भी करा लिया था लेकिन पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां ने अपने होम टाउन रामपुर के घनश्याम लोधी के पक्ष में पैरवी करके डॉ. अनिल शर्मा का टिकट कटवा दिया था और लोधी को प्रत्याशी बनवा दिया। चूंकि तब प्रदेश में सरकार सपा की थी इसलिए घनश्याम लोधी चुनाव जीतकर एमएलसी बन गए थे। अब भाजपा में आकर उनके एमएलसी बनने का सपना पूरा होगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन माना जा रहा है कि उनको प्रत्याशी बनाए जाने की स्थिति में भाजपा के अन्य दावेदारों की ओर से विरोध के स्वर झेलने पड़ सकते हैं। हालांकि माना जा रहा है कि इस चुनाव में सपा भी पूरे दमखम से लड़ेगी। 

यह है एमएलसी का चुनाव कार्यक्रम
बरेली-रामपुर स्थानीय निकाय एमएलसी की सीट के लिए चुनाव आयोग की ओर से जारी निर्वाचन कार्यक्रम के मुताबिक, 4 फरवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 11 फरवरी तक नामांकन होंगे और 14 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 16 फरवरी को नामवापसी के बाद 3 मार्च को मतदान होगा। 12 मार्च को मतगणना की जाएगी।

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