UP ELECTION 2022: UP की पहली किन्नर राज्यमंत्री का अखिलेश को 'शाप', बोलीं- कभी नहीं बना पाएंगे सरकार

भारत देश में मान्यता है कि अगर कोई किन्नर किसी को कुछ शाप दे देती है तो बड़ा अपशगुन होता है। ऐसा ही कुछ यूपी की राजनीति में हुआ है। किन्नर सोनम ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को कभी सरकार ना बना पाने का शाप दिया है। आने वाला वक्त बताएगा कि उनके इस शाप का सपा पर क्या असर पड़ता है।

Pankaj Kumar | Published : Nov 18, 2021 12:54 PM IST / Updated: Nov 19 2021, 10:07 AM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोनम किन्नर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है। कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं सोनम किन्नर (Transgender leader Sonam) को राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है (UP Transgender Welfare Board) साथ ही उनको राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है (minister of state)। इस मौके पर सोनम ने जहां सीएम योगी (CM Yogi) को धन्यवाद दिया तो वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को शाप दिया। उन्होंने कहा कि सपा की साइकिल पंचर हो गई है और सपा के सभी नेता चुनाव के बाद सड़क पर साड़ी पहन कर ढोलक बजाने का काम करेंगे।

सत्ता में कभी नहीं लौटेंगे अखिलेश- सोनम किन्नर

सोनम किन्नर ने एसपी और अखिलेश पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जो कि केवल एक परिवार के इशारे पर चलती है। उन्होंने कहा कि वह 3 साल तक सपा में रहीं मगर किन्नर कल्याण के लिए एक भी निर्णय एसपी की सरकार ने नहीं लिया। नियुक्ति के बाद सोनम ने दावा किया कि बीजेपी की बहुमत के साथ सत्‍ता में वापसी होगी। बुधवार को सोनम ने कहा, ‘बीजेपी बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएगी। यह मेरा एसपी प्रमुख अखिलेश यादव को शाप है कि वह अब कभी अपने जीवन में सत्‍ता में नहीं लौटेंगे।'

कुल आठ सदस्य होंगे नामित

प्रदेश के किन्नरों के कल्याण के लिए गठित इस बोर्ड में उपाध्यक्ष समेत कुल आठ सदस्य नामित किए जाएंगे। इनमें उपाध्यक्ष के अलावा प्रदेश के पांच अंचलों बुन्देलखंड, रूहेलखंड, पूर्वांचल, पश्चिमांचल और मध्य यूपी के पांच क्षेत्रीय किन्नर प्रतिनिधि सदस्य होंगे। इनके अलावा किन्नरों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली दो संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल किये जाएंगे। बोर्ड का संचालन समाज कल्याण निदेशालय से ही होगा और निदेशालय के ही एक अधिकारी को बोर्ड का नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।

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