यूपी में चुनाव से पहले जिन्ना की एंट्री, तारीफ कर बुरे फंसे अखिलेश यादव, योगी-ओवैसी से लेकर मायावती ने घेरा

अब सभी सियासी दलों ने अखिलेश को घेरना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद अब  बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2021 1:16 PM IST / Updated: Nov 01 2021, 08:19 PM IST

लखनऊ: विधानसभा चुनाव (UP election 2022) से पहले यूपी का सियासी पारा हाई हो गया है। सबसे बड़े सूबे की राजनीति में जिन्ना की एंट्री के साथ ही बयानबाजी और वार-पलटवार का सिलसिला तेज हो गया है। हरदोई में मुहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah ) का महिमामंडन कर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (akhilesh yadav) चौतरफा घिर गए हैं। अब सभी सियासी दलों ने अखिलेश को घेरना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) के बाद अब  बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (mayawati) और 
AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

माहौल बिगाड़ने की कोशिश - मायावती
मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का जिन्ना को लेकर दिया गया बयान और उसे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अंदरूनी मिलीभगत और इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। ताकि यूपी विधानसभा आम चुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिंदू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।

 

भाजपा-सपा की मिलीभगत
बसपा प्रमुख मायावती अपने ट्वीट में आगे कहा कि सपा और भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक और पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी और सांप्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है, जबकि BSP जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर होती है।

 

इतिहास पढ़ें अखिलेश - ओवैसी
AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि उनको समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे बुजुर्गों ने दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत को अपना देश चुना। अगर अखिलेश यादव सोचते हैं कि इस तरह के बयान देकर वह लोगों के एक वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं और उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए। उन्हें भी खुद को शिक्षित करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए।

क्या कहा था अखिलेश  यादव ने
बता दें कि रविवार को हरदोई में समाजवादी विजय रथ यात्रा लेकर पहुंचे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही संस्थान में पढ़ाई कर वे बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा पर वे पीछे नहीं हटे। अखिलेश यादव बोले कि एक विचारधारा...जिस पर पाबंदी लगाई थी। उसे सरदार पटेल ने लगाया था।

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