अखिलेश (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को 8 फीसदी यादव और 6 फीसदी गैर यादव OBC वोट देंगे। यानी यादव और ओबीसी वोट मिला लें तो भी मुस्लिमों के वोट इस पार्टी के पास अधिक होंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Election 2022) में यादव वोटों को सपा का कैडर वोट माना जाता है, लेकिन जन की बात ओपीनियन पोल के नतीजों के मुताबिक सपा को सर्वाधिक वोट मुस्लिमों के मिल रहे हैं। पोल के मुताबिक सपा के पास 35 प्रतिशत वोट शेयर है, जिसमें से उसके लगभग आधे यानी 16 प्रतिशत वोट मुस्लिमों के हैं। अखिलेश की पार्टी को 8 फीसदी यादव और 6 फीसदी गैर यादव OBC वोट देंगे। यानी यादव और ओबीसी वोट मिला लें तो भी मुस्लिमों के वोट इस पार्टी के पास अधिक होंगे। पार्टी को गैर जाटवों के एक फीसदी से भी कम वोट मिलेंगे, जबकि 1.2 प्रतिशत ब्राह्मण वोट सपा के खाते में जाते दिख रहे हैं।
भाजपा को ओबीसी के सबसे ज्यादा वोट, लेकिन इनमें यादव नहीं
पोल के नतीजों के मुताबिक भाजपा को सबसे ज्यादा 19.46 प्रतिशत वोट गैर यादव ओबीसी वर्ग से मिल रहे हैं। भाजपा के खाते में ब्राह्मणों के 5.6% वोट हैं, जबकि 5.7% राजपूतों की पसंद भगवा पार्टी है। 4.5 फीसदी गैर जाटव, 2.3 फीसदी जाटव और पॉइंट 9 फीसदी यादव भाजपा के वोटर हो सकते हैं।
बसपा ने खोया कैडर वोट
मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी को उसका कैडर वोट भी नहीं मिलता दिख रहा है। हालांकि, 2.65 फीसदी ब्राह्मण वोट उनके खाते में जा सकते हैं। पोल के मुताबिक उन्हें यादव वोट बिल्कुल नहीं मिल रहे हैं, जबकि नॉन यादव ओबीसी के 1.8 फीसदी वोट उनके खाते में जा सकते हैं। 1 प्रतिशत मुस्लिम भी मायावती की सकरार को पसंद करते हैं।
गैर यादव ओबीसी कांग्रेस का बड़ा वोटर
सर्वे के मुताबिक कांग्रेस को महज 5 फीसदी वोट मिलेंगे। इनमें से सबसे ज्यादा 2.74 फीसदी वोट गैर यादव ओबीसी के होंगे। यानी गैर यादव ओबीसी वोट लगभग सभी पार्टियों में बंट गए हैं। इसके अलावा कोई भी जाति ऐसी नहीं है, जिसके एक फीसदी वोट भी कांग्रेस के खाते में जाते दिख रहे हैं।
सीएम के लिए प्रियंका सिर्फ 2% लोगों की पसंद
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को भले ही बड़ी जिम्मेदारी दी है, लेकिन वे यूपी के वोटरों का मिजाज भांपने में सफल नहीं होती दिख रही हैं। ऐसा नहीं है कि प्रियंका यूपी में एक्टिव नहीं हैं। हाथरस गैंगरेप केस हो, सोनभद्र में जमीनी रंजिश में नरसंहार हो या फिर लखीमपुर खीरी मामला... सभी मामलों में प्रियंका ने बढ़-चढ़कर मुद्दे उठाए। प्रियंका सभी मामलों में घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन वे पीछे नहीं हटीं। इसके बावजूद प्रियंका का जादू यूपी के लोगों में चलता नहीं दिख रहा है।
इंडिया टीवी, जन की बात के ओपीनियन पोल के मुताबिक महज 2 फीसदी लोग ही प्रियंका को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। प्रियंका से ज्यादा जलवा तो मायावती का है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मायावती 10 फीसदी लोगों की पसंद हैं। अखिलेश 31 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर हैं, जबकि 55 प्रतिशत के साथ योगी यहां के लोगों की पहली पसंद हैं।
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