पूर्व सांसद त्रिपाठी लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। हालांकि काफी दिनों से उनका इलाज भी चल रहा था। लेकिन उनकी हालत में सुधार की जगह गिरावट होती जा रही थी। अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने के बाद से वह कुछ दिन से वेंटिलेटर पर थे।
गुरुग्राम. उत्तर प्रदेश की राजनीति से दुखद खबरें सामने आई है। संतकबीरनगर लोकसभा सीट से पूर्व बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी का निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। शरद त्रिपाठी के निधन के बाद बीजेपी में शोक की लहर छा गई है। राज्य से लेकर केंद्र के नेताओं ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
लंबे समय से इस बीमारी से पीड़ित थे पूर्व सांसद
दरअसल, पूर्व सांसद त्रिपाठी लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। हालांकि काफी दिनों से उनका इलाज भी चल रहा था। लेकिन उनकी हालत में सुधार की जगह गिरावट होती जा रही थी। अचानक ज्यादा तबीयत बिगड़ने के बाद से वह कुछ दिन से वेंटिलेटर पर थे।
ऐसा लगता अभी बोल उठेगा शरद: स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पूर्व सांसद के निधन पर ट्वीट कर लिखा, 'मैं निशब्द हूं. ऐसा लगता अभी बोल उठेगा शरद ‘चल दीदी क्षेत्र में कार्यक्रम करना है’. चला गया, प्रभु की यही इच्छा थी. ईश्वर शरद त्रिपाठी जी की आत्मा को शांति दें, अपने श्री चरणों में स्थान दें।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने जताया शोक
वहीं उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जाते हुए लिखा 'संतकबीरनगर से पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री शरद त्रिपाठी जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे व परिजनों को यह दुःख सहने का संबल प्रदान करे।
ॐ शान्ति…
ऐसा रहा है उनका राजनीतिक सफर
पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले थे। उनका पैतृक निवास खजनी तहसील क्षेत्र में पड़ता है। वह पहली बार 2014 में संतकबीर नगर से सांसद बने थे। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी तथा दो बेटे व दो बेटियां हैं। शरद त्रिपाठी के पिता रमापति राम त्रिपाठी देवरिया से बीजेपी सांसद हैं। रमापति बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। शरद त्रिपाठी जूता कांड के बाद से सुर्खियों में आ गए थे। जिसके चलते उनका 2019 में लोकसभा चुनाव टिकिट कट गया था। शरत त्रिपाठी विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्य के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं।