यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में निधन, PM Modi से लेकर सीएम तक ने जताया दुःख

Published : Aug 22, 2021, 08:20 AM ISTUpdated : Aug 22, 2021, 10:49 AM IST
यूपी में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में निधन, PM Modi से लेकर सीएम तक ने जताया दुःख

सार

कल्याण सिंह अपना पहला चुनाव 1962 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। दुबारा 1967 में वह चुनाव लड़े और भारतीय जनसंघ से विधायक बने। इसके बाद वह लगातार चुनाव जीतते रहे। 

लखनऊ। भाजपा के कद्दावर नेता व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त को निधन हो गया। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रह चुके कल्याण सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बीते साल वह कोरोना को मात देकर लौटे थे। कल्याण सिंह 89 साल के थे। 
पूर्व मुख्यमंत्री को बीते 4 जुलाई को पीजीआई में भर्ती कराया गया था। काफी दिनों से वह यहां आईसीयू में रहे। धीरे-धीरे उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। 

पैतृक जनपद में होगा अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक जताते हुए तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। मुख्यमंत्री ने कल्याण सिंह का अंत्येष्टि संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने की भी घोषणा की है। 

कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार 23 अगस्त को नरोरा घाट पर किया जाएगा। इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा। रविवार को कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर विधानभवन में और इसके बाद भाजपा कार्यालय में दर्शन के लिए रखा गया है। दोपहर दो बजे उनका पार्थिव शरीर अलीगढ़ ले जाया जाएगा। 23 अगस्त को नरोरा घाट पर गंगा किनारे अंत्येष्टि होगी। 

अलीगढ़ के अतरौली में हुआ था जन्म

बीजेपी के वयोवृद्ध नेता कल्याण सिंह का जन्म अलीगढ़ के अतरौली में 5 जनवरी 1932 में हुआ था। बीए तक की पढ़ाई करने के बाद वह राजनीति में आ गए। भारतीय जनसंघ से उन्होंने चुनावी सफर का शुभारंभ किया था। यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह राममंदिर आंदोलन के अगुवा के रूप में भी याद किए जाएंगे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था और इसके बाद उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। 

कल्याण सिंह यूपी में दुबारा मुख्यमंत्री 1997 में बने। लेकिन एक राजनीतिक उठापठक के बाद एक दिन के लिए उनकी सरकार गिर गई। हालांकि, अगले ही दिन उन्होंने तीसरी बार सीएम पद के लिए शपथ ले ली थी। लेकिन 1999 में बीजेपी में उपजे अंतर्कलह के बाद उनको हटा दिया गया और राम प्रकाश गुप्त को बीजेपी ने नया मुख्यमंत्री बनाया। रामप्रकाश गुप्ता को कुछ दिन परखने के बाद बीजेपी ने राजनाथ सिंह को सूबे की कमान सौंपी। 

आठ बार रह चुके हैं विधायक, दो बार सांसद

कल्याण सिंह अपना पहला चुनाव 1962 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। दुबारा 1967 में वह चुनाव लड़े और भारतीय जनसंघ से विधायक बने। इसके बाद वह लगातार चुनाव जीतते रहे। पहले तीन बार वह भारतीय जनसंघ से विधायक बने तो चौथी बार जनता पार्टी की टिकट पर विधायक हुए। लेकिन 1980 का चुनाव वह हार गए। लेकिन 1985 में बीजेपी के टिकट पर विधायक हुए और फिर 2004 तक विधानसभा अतरौली विधानसभा क्षेत्र से पहुंचते रहे। वह एटा से सांसद भी रह चुके हैं। 

राममंदिर आंदोलन से पहुंचे सीएम की कुर्सी तक

1989 में राम मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा था। अटल-आडवाणी और जोशी राष्ट्रीय स्तर पर इसका नेतृत्व कर रहे थे। उधर, देश में मंडल आंदोलन भी तेज हो चुका था। मुलायम सिंह यादव यूपी में मंडल आंदोलन के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे तो यूपी में बीजेपी ने कल्याण सिंह को आगे कर दिया। मंडल-कमंडल की लड़ाई में यूपी में कल्याण सिंह ने बीजेपी को स्थापित कर दिया। वह मंदिर आंदोलन के नेता बनकर उभरे साथ ही पिछड़ों को भी बीजेपी से जोड़ने में कामयाब हुए। नतीजा यह हुआ कि बीजेपी को 1991 में यूपी में 425 सीटों में 221 सीटें मिली और भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। कल्याण सिंह सीएम बनें। लेकिन छह दिसंबर की घटना के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया तो उधर, राष्ट्रपति ने सरकार को बर्खास्त कर दिया। 

बीजेपी से नाराज होकर बनाई अपनी पार्टी

कल्याण सिंह 1997 में दुबारा सीएम बने। 1999 में बीजेपी ने शीर्ष नेताओं से खटकने के बाद उनको हटा दिया। कल्याण सिंह बगावत कर भाजपा छोड़ दी। अंतिम बार वह 2013 में फिर बीजेपी में शामिल हुए। यूपी में बीजेपी के लिए 2014 के चुनाव में खूब प्रचार किया। केंद्र में सरकार बनने के बाद वह राजस्थान के राज्यपाल बनाए गए। एक साल बाद उनको हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया। कार्यकाल खत्म होने के बाद वह फिर बीजेपी की सदस्यता हासिल किए लेकिन पार्टी ने कोई जिम्मेदारी नहीं दी थी। बीते एक साल से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

 

 

योगी आदित्यनाथ ने भी जताया दुःख


राजनाथ सिंह बोले-बड़ा भाई खो दिया

 

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

माघ मेला 2026: प्रयागराज की सड़कों पर नियॉन-स्पाइरल लाइट्स, शहर बनेगा दिव्य और जगमग
UP में कोडीन कफ सिरप पर सबसे बड़ी कार्रवाई: 128 FIR, हजारों बोतलें जब्त, एसआईटी गठित