यूपी सरकार ने बदली व्यवस्थाः अब वैक्सीनेशन के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं

यूपी सरकार ने कोरोना काल में अपने दूसरे आदेश को संशोधित किया है। बता दें कि इससे पहले कोरोना संक्रमितों को किसी अस्पताल में भर्ती होने के लिए CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से रेफरल लेटर लिखवाना पड़ता था। लेकिन इस कागजी माथापच्ची और इलाज में देरी से तमाम लोगों की मौत हो गई। विपक्ष ने भी सरकार को घेरा तो सीधे भर्ती होने का फरमान जारी हुआ था।

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2021 6:23 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी में कोरोना का टीका लगवाने के लिए आधार कार्ड का होना आवश्यक नहीं है। यानि यूपी में स्थाई और अस्थाई रूप से निवास करने वाले 18 से अधिक उम्र के लोगों का भी टीकाकरण किया जाएगा। बता दें कि, राज्य सरकार ने पहले यूपी के आधार कार्ड वालों को ही वैक्सीनेशन की इजाजत दी थी। लेकिन, अब यूपी में निवास करने का कोई भी दस्तावेज देना होगा। 

सरकार ने बदला दूसरा आदेश
यूपी सरकार ने कोरोना काल में अपने दूसरे आदेश को संशोधित किया है। बता दें कि इससे पहले कोरोना संक्रमितों को किसी अस्पताल में भर्ती होने के लिए CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) से रेफरल लेटर लिखवाना पड़ता था। लेकिन इस कागजी माथापच्ची और इलाज में देरी से तमाम लोगों की मौत हो गई। विपक्ष ने भी सरकार को घेरा तो सीधे भर्ती होने का फरमान जारी हुआ था।

 

 

ये है योगी सरकार की तैयारी
उत्तर प्रदेश में 18 से 44 साल के 9 करोड़ लोग हैं। इनका वैक्सीनशन कराने के लिए प्रदेश सरकार ने को-वैक्सीन और कोविशील्ड कि 50-50 लाख डोज़ का आर्डर दिया हुआ है। इसके लिए दोनों कंपनियों को 10-10 करोड़ एडवांस भुगतान भी किया जा चुका है। इसमे से को-वैक्सीन की डेढ़ लाख और कोविशील्ड कि साढ़े तीन लाख वैक्सीन मिल चुकी है। इसके अलावा यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 4 करोड़ वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर किया है। इसमें 7 मई से आवेदन शुरू हो चुके हैं. टेंडर में आवेदन की अंतिम तिथि 21 मई है।

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