उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि परिषद के स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में बच्चों के नामांकन के लिए स्कूल चलो अभियान चार अप्रैल से शुरू होगा। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथा श्रावस्ती से करेंगे। समारोह का सभी विद्यालयों में सीधा प्रसारण किया जाएगा।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सराकरी स्कूलों की व्यवस्थाओं पर कई बार सवाल खड़े किए गए। नई सरकार के गठन के बाद बीजेपी सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने में जुट गई है। इसी के तहत योगी सरकार सोमवार से प्रदेश स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करने जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेने के निर्देश भी दिए हैं। अभियान के तहत स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही छात्रों को यूनिफॉर्म और जूते-मोजे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं, शौचालय, पेयजल, पर्याप्त फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्ध सुनिश्चित की जाएगी। स्कूल चलो अभियान का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 फीसदी नामांकन सुनिश्चित करना है।
बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अभियान के तहत शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने और प्रतिदिन स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे और मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी देंगे। समारोह में सीएम के साथ बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह भी शामिल होंगे। जिलों में स्थानीय मंत्री, सांसद और विधायक अभियान के शुभारंभ समारोह में शामिल होंगे।
ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को दिया जाएगा नया रूप
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाए और राज्य के प्राथमिक स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। श्रावस्ती जिले में राज्य में सबसे कम साक्षरता दर है, इसके बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर आते हैं। सीएम योगी ने कहा कि सरकारी स्कूलों को ऑपरेशन कायाकल्प के तहत नया रूप दिया जाएगा।
अधिकारियों को एक-एक स्कूल गोद लेने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और विधायकों को स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी की योजनानुसार जनप्रतिनिधि न केवल अभियान से जुड़ेंगे, बल्कि विधायकों को एक-एक स्कूल गोद लेना होगा।
अधिकारियों को भी एक-एक स्कूल के समग्र विकास पर ध्यान देना होगा। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग को सभी सरकारी स्कूलों को छात्रों को शौचालय, पीने का पानी, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
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