यूपी विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब भाजपा यूपी में संगठन को लेकर भी कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। यूपी में बीजेपी अपने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन कर रही है। कयास ये भी लगाये जा रहे है कि इस बार बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए किसी ब्राहमण चेहरे पर दांव लगा सकती है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड बहुमत के साथ बीजेपी ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है। नई सरकार में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को उनके काम का इनाम देते हुए कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में शामिल किया गया है। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा चल रही है कि आखिर यूपी बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा?
क्या ब्राहमण चेहरे पर बीजेपी लगा सकती है दांव?
यूपी में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से ही बीजेपी यूपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन में जुट गई है। इन सबके बीच पार्टी कई नामों को लेकर विचार विर्मश कर रही है। इनमे विधायक, विधान परिषद सदस्य और कई सांसदो के नाम भी शामिल है। कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी ब्राहमण को मौका दे सकती है।
अध्यक्ष पद के लिए जातीय समीकरण साधने में जुटी बीजेपी
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बीजेपी एक बार फिर से गुणा-भाग करने में लग गई है। गुणा-भाग ही नी वो जातीय समीकरण को भी साधने की पूरी कोशिश कर रही है। आइये आपको बताते है कि कैसे इस बार बीजेपी यूपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए समीकरणों को साध रही है। अगर बात करें सीएम योगी की तो वो पूर्वी क्षेत्र से आते है और क्षत्रिय है। इसके अलावा इसके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी चेहरा और सेंट्रल यूपी से आते हैं.। वहीं दूसरे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक अवध क्षेत्र के हैं और ब्राह्मण हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व पश्चिम और ब्रज की सियासत साधने के लिए इन क्षेत्रों से किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है।
इन नामों की भी हो रही है चर्चा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन कर रही है और कई नामों की चर्चा भी है। जिसमें की कन्नौज में समाजवादी पार्टी का गढ़ ढहाने वाले लोकसभा सांसद सुब्रत पाठक और बस्ती के लोकसभा सांसद हरीश द्विवेदी के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बताए जा रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इन सभी नेताओं में श्रीकांत शर्मा ब्रज क्षेत्र से आने के कारण रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं।