पीएम के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट नाराज, कहा- ये अभिव्यक्ति की आजादी नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपित मुमताज मंसूरी नामक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। आरोपित मंसूरी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया था।

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2022 10:27 AM IST / Updated: Jul 24 2022, 05:02 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बोलने की स्वतंत्रता पर टिप्पणी करते हुए एक शख्स के खिलाफ दायर FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में किसी पर इस तरह का कार्य करना या किसी के प्रति भी गाली देना गलत माना है।

कोर्ट ने खारिज की याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपित मुमताज मंसूरी नामक व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी। आरोपित मंसूरी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया था।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत गाली देने का अधिकार नहीं 
मामले में आपको बता दें कि न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस देश का संविधान हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, लेकिन इस अधिकार के तहत कोई व्यक्ति किसी नागरिक को गाली नहीं दे सकता है। कोर्ट ने न सिर्फ एफआईआर को रद्द करने से मना कर दिया बल्कि मामले को लेकर अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए भी कहा। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार और जस्टिस राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने मुमताज मंसूरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

प्रधानमंत्री को कहा था अपशब्द
ये मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य मंत्रियों को अपशब्द बोलने का है। मुमताज मंसूरी ने फेसबुक पोस्ट में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को ‘कुत्ता’ कहा था। इसके बाद 2020 में मंसूरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 504 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया।

जौनपुर में दर्ज हुई थी एफआईआऱ
कोर्ट ने पुलिस को नियमानुसार अपराध की विवेचना पूरी करने की छूट दी है। प्राथमिकी जौनपुर जिले के मीरगंज थाने में दर्ज कराई गई है। जिसमें याची पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य मंत्रियों के खिलाफ फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। याची ने मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 

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