बलरामपुर महिला अस्पताल के बाहर इलाज के लिए तड़पती रही गर्भवती, दौड़ाता रहा प्रशासन

रूपए न देने पर रेफर का पर्चा थमा दिया गया। यही नहीं, रक्त देने के नाम पर अस्पताल में घूमते बिचौलियों ने भी 20 हजार रुपये की मांग की। अस्पताल से निकाली गई गर्भवती प्राइवेट बस स्टैंड के निकट जमीन पर पड़ी तड़पती रही। पचपेड़वा के नेतहवा गांव निवासी शब्बीर ने बताया कि उसकी पत्नी शाहिबा को चार माह का गर्भ था।

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2022 8:09 AM IST

बलरामपुर: यूपी के सरकारी अस्पतालों प्रशासन द्वारा मरीजों के साथ लापरवाही के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार सरकारी अस्पताल में व्यवस्थाओं के सुधारने में लगे हुए हैं। लेकिन जो तस्वीरें सामने आ रही हैं। वह चौंका देने वाली हैं। मरीजों से धन उगाही के लिए मशहूर चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों के संवेदनहीनता की हद तब हो गई, जब खून की कमी व रक्तस्राव से तड़पती गर्भवती को बिना इलाज के अस्पताल से भगा दिया गया। चार माह की गर्भवती से पांच हजार रुपये की मांग की गई। 

खून के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग 
रूपए न देने पर रेफर का पर्चा थमा दिया गया। यही नहीं, रक्त देने के नाम पर अस्पताल में घूमते बिचौलियों ने भी 20 हजार रुपये की मांग की। अस्पताल से निकाली गई गर्भवती प्राइवेट बस स्टैंड के निकट जमीन पर पड़ी तड़पती रही। पचपेड़वा के नेतहवा गांव निवासी शब्बीर ने बताया कि उसकी पत्नी शाहिबा को चार माह का गर्भ था। दर्द होने पर उसे शुक्रवार सुबह 10 बजे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। गांव की आशा उसके साथ थी। 

Latest Videos

शब्बीर का आरोप है कि शाहिबा को बाहर की जांच लिखी गई थी। अल्ट्रासाउंड में पता चला कि बच्चे का बचना मुश्किल है। अस्पताल कर्मियों ने इलाज के नाम पर शब्बीर से एक हजार रुपये वसूल लिया, लेकिन कोई इलाज नहीं किया। दोपहर 12 बजे हालत बिगड़ने पर चिकित्सक ने दो यूनिट ब्लड लाने को कहा। करीब 10 मिनट बाद दो लोग आए और कहा कि दो यूनिट ब्लड का 20 हजार रुपये लगेगा। 

अस्पताल ने किया रेफर
रुपये न होने के कारण शब्बीर ने उन दोनों को मना कर दिया। बाद में महिला चिकित्सक डा. नगमा ने उसे रेफर करने की बात कही। सीएमएस डा. विनीता राय का कहना है कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के अनुसार, शाहिबा के पेट में कोई गुच्छेनुमा आकृति दिख रही थी। इस आधार पर उसे बहराइच रेफर किया गया था।

अस्पताल ने नहीं थी एंबुलेंस की सुविधा
शब्बीर के मुताबिक, साहिबा को रेफर करने के बाद एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी गई। उसके पास बहराइच जाने भर के पैसे भी नहीं थे। उसने पत्नी साहिबा को प्राइवेट बस स्टैंड के पास सड़क पटरी पर लिटा दिया। वह दर्द से कराहते हुए पटरी पर गिर गई। प्राइवेट बस यूनियन अध्यक्ष जब्बार खां ने मीडियाकर्मियों को गर्भवती की पीड़ा व महिला अस्पताल की संवेदनहीनता की जानकारी दी। 

सीएमओ डा. सुशील कुमार ने महिला अस्पताल की सीएमएस से जानकारी ली। सीएमएस ने बताया कि मरीज से पैसा लेने की जानकारी नहीं है। शब्बीर के बिना बताए चले जाने के कारण एंबुलेंस नहीं दी जा सकी

राज्य सरकार ने महिला कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, लिखित सहमति के बिना काम करने के लिए नहीं किया जाएगा बाध्य

पुलिस और बदमाश के बीच फायरिंग में एसपी की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी गोली, जानिए आगे क्या हुआ

Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
अमेरिका में किया वादा निभाने हरियाणा के करनाल पहुंचे राहुल गांधी | Haryana Election
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता