बदायूं एसएसपी कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसान की हुई मौत, पांच पुलिसकर्मी निलंबित

Published : May 19, 2022, 03:31 PM ISTUpdated : May 19, 2022, 03:32 PM IST
बदायूं एसएसपी कार्यालय के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने वाले किसान की हुई मौत, पांच पुलिसकर्मी निलंबित

सार

किसान ने कार्रवाई न होने से नाराज होकर एसएसपी कार्यालय के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल एसएसपी ओपी सिंह ने मामले में पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। 

बदायूं: यूपी में प्रशासन द्वारा कार्रवाई ना किए जाने से परेशान लोगों के आत्मदाह करने का मामला लगातार सामने आता रहता है। इसी क्रम में एक किसान की जान चली गई है। दरअसल किसान ने कार्रवाई न होने से नाराज होकर एसएसपी कार्यालय के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल एसएसपी ओपी सिंह ने मामले में पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। 

यह था पूरा मामला
बता दें कि बदायूं में एसएसपी कार्यालय में बुधवार दोपहर करीब 12 बजे किसान किशनपाल (45) ने खुद को आग लगाकर जान देने की कोशिश की।  किसान को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया। जहां से बरेली रेफर कर दिया गया। 

किशनपाल खेत में एकत्र किए गए गेहूं की फसल में आग लगाने पर कार्रवाई न होने से नाराज था। एसएसपी कार्यालय में आग लगाने वाले किसान किशनपाल की बरेली के श्रीराममूर्ति स्मारक मेडिकल कॉलेज में सुबह चार बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने रात 11 बजे ही जवाब दे दिया था। उन्होंने कह दिया था कि किशनपाल का बचना मुश्किल है। फिलहाल पुलिस ने किसान के शव का पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

पाच पुलिसकर्मी निलंबित
लापरवारी बरतने के आरोप में एसएसपी ओपी सिंह ने मामले में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर राजकुमार तिवारी, मंडी चौकी प्रभारी राहुल पुंडीर, पूर्व मंडी चौकी प्रभारी अशोक कुमार (वर्तमान में दहगवां चौकी प्रभारी) सिपाही अशीष कुमार और मनोज कुमार को निलंबित कर दिया है। 
 
एसआईटी करेगी मामले की जांच
मामले की जांच के लिए आईजी रेंज रमित शर्मा ने एसआईटी का गठन किया है। टीम में एसपी सिटी बरेली, एसपी ग्रामीण, एसपी सिटी बदायूं समेत अपराध शाखा के इंस्पेक्टर हैं। शर्मा ने बताया कि इस मामले में किसी पुलिस कर्मी की भी लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि किसान किशनपाल के नाम खुद कोई जमीन नहीं है। उन्होंने जिस आठ बीघा खेत में गेहूं की फसल की थी, वह खेत शहर के एक कोल्ड स्टोर मालिक का है। उन्होंने उसे बंटाई पर लिया था। वह करीब चार-पांच साल से उस खेत में बंटाई पर फसल करते आ रहा था। गेहूं में आग लगने के बाद सारी फसल जलकर राख हो गई। खाने को अनाज का एक दाना तक नहीं बचा।

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