यूपी के बहराइच जिले में रेप के आरोपी एक पिता को मंगलवार के दिन जिला न्यायालय की ओर से फांसी की सजा सुनाई गई। पिता पर आरोप था कि वह अपनी बेटी का निकाह कराने के बाद भी उसे घर ले आता और उसके साथ दुष्कर्म करता।
बहराइच: यूपी के बहराइच(Bahraich) जिले में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक बड़ा मामला सामने आया, जहां एक पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी(minor daughter) को हवस का शिकार बना लिया। हालांकि, मंगलवार को जिला अदालत(District Court) ने दुष्कर्म के आरोपी पिता को फांसी की सजा सुनाई और 51 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। खास बात यह है कि दोषी को फांसी की सजा दिलाने वाले विशेष शासकीय अधिवक्ता(special public prosecutor) को बहराइच पुलिस सम्मानित करेगी।
4 माह के भीतर कोर्ट ने सुनाया फैसला, सुनवाई में पिता पाया गया दोषी
बहराइच जिले की अदालत ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को मंगलवार के दिन सजा ए मौत का दंड दिया है। साथ ही दोषी पिता पर 51 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला महज चार महीने के भीतर अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अदालत-प्रथम) नितिन कुमार पांडेय की अदालत नें सुनाया है। दोषी को फांसी की सजा दिलाने वाले विशेष शासकीय अधिवक्ता को बहराइच पुलिस(Bahraich Police) जल्द ही सम्मानित भी करेगी। पीड़ित बालिका की मां ने ही अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। घटना का मुख्य गवाह पीड़िता का सगा भाई था। मुक़दमे की सुनवाई के दौरान पिता को बेटी से रेप का दोषी पाया गया।
बेटी का निकाह कराने के बावजूद 2 सालों तक पिता करता रहा रेप
बहराइच जिले के सुजौली थाना क्षेत्र निवासी नान्हू खां (40) अपनी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री के साथ लगातार दो साल से दुष्कर्म कर रहा था। मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान उसने बच्ची का एक व्यक्ति से निकाह करा दिया लेकिन, निकाह के बाद भी उसे वापस अपने घर ले आया। इसी साल अगस्त में एक रात बच्ची की चीख सुनकर उसके पिता को मां व भाई ने दरिंदगी करते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। इसके बाद बच्ची ने रोते हुए अपनी मां को आपबीती सुनाई।
बेटी ने मां को सुनाई पिता की असली करतूत, पड़ोसियों ने भी दी गवाही
विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो अधिनियम) संत प्रताप सिंह ने बताया कि बच्ची ने अपनी मां को बताया था कि उसका बाप उसे डरा-धमकाकर दो साल से दुष्कर्म कर रहा है। बच्ची की मां ने 25 अगस्त को सुजौली थाने में अपने पति के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म व पॉक्सो कानून सहित सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। विशेष शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां, भाई व दो पड़ोसियों सहित तमाम गवाहों ने दोषी पिता के खिलाफ अदालत में अपनी गवाही दी। पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह ने इस मामले में त्वरित आरोपपत्र दाखिल करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चार महीने में अपनी पैरवी से दोषी को फांसी की सजा दिलाने वाले विशेष शासकीय अधिवक्ता (पॉक्सो कानून) संत प्रताप सिंह को जिला पुलिस की ओर से प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।