फिरोजाबाद: 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देने वाले गांव में नहीं फहराया जाएगा झंडा, जानिए क्या है कारण

गुदाऊं गांव के लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री तक पत्र भेजकर शहीद स्मृति द्वार बनाने की मांग की गई। इसके बाद भी स्मृति द्वार नहीं बना। प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वे 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराएंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2022 11:56 AM IST

फिरोजाबाद: आने वाली 15 अगस्त पूरे देश में उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां के लोगों ने इस बार झंडा न फहराने का ऐलान किया है। दरअसल गांव वाले शहीद स्मृति द्वार ना बनाए जाने को लेकर खफा हैं। और इसी के विरोध में उन्होंने यह ऐलान किया है। बता दें कि यमुना किनारे बसे गांव गुदाऊं ने देश की आजादी के लिए 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दिए थे। 

राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री तक भेजा गया पत्र
गुदाऊं गांव के लोगों का कहना है कि राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री तक पत्र भेजकर शहीद स्मृति द्वार बनाने की मांग की गई। इसके बाद भी स्मृति द्वार नहीं बना। प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वे 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराएंगे। गांव के इतिहास के जानकार बाबूराम यादव बताते हैं कि 17 अगस्त 1942 को इसी गुदाऊं में हिरनगांव रेलवे स्टेशन पर लूट की योजना बनी थी। जिससे अंग्रेजी सेना को सबक सिखाया जा सके। अकेले इसी गांव से 35 लोग स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गए थे। पांच लोगों को पेंशन मिली थी।

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गांव में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम कुछ भी नहीं 
पातीराम यादव पुत्र टीकाराम ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे कि जिनकी मौत जेल में हो गई थी। कई सेनानी ऐसे भी थे जो चार बार जेल गए। कृष्ण कुमार कनक ने इन सभी के साक्ष्य एकत्रित किए हैं। वर्तमान समय में गांव में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर कुछ नहीं है। कृष्ण कुमार कनक ने बताया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर डीएम, सीडीओ, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य और प्रधान तक से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति द्वार बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिला।

स्मृति द्वार न बनना शर्म की बात
बनी सिंह यादव ने कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है जिनके प्रयासों से आजादी मिली उनका स्मृति द्वार न बनना शर्म की बात है। हरिभान सिंह यादव ने कहा कि गुदाऊं ग्राम पंचायत से सबसे अधिक जनप्रतिनिधि जीते हैं लेकिन किसी ने ध्यान नही दिया। ग्रामीणों ने जन आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। यदि प्रशासन ने स्मृति द्वार बनाने के मामले में संज्ञान नहीं लिया तो आगामी 15 अगस्त को यमुना तलहटी के किसी विद्यालय में तिरंगा झंडा नहीं फहराएंगे।

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