गणेश स्वीट हाउस के सामने अपनी कार खड़ी कर मिठाई खरीद रहे थे कि इस बीच प्राइवेट ठेकेदारों ने जबरिया उनकी कार उठा ली। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बुलडोजर चालक और उसके साथ के लोग उसके उपर बुलडोजर चढ़ा देने की धमकी देने लगे।
गोरखपुर: प्राइवेट ठेकेदारों की मनमानी के कई मामले सामने आते दिख रहे हैं। किसी की भी गाई उठा कर उससे अवैध वसूली करते कई बार पाए गए हैं। कई बार तो वसूली के चक्कर में चालक कार में युवक के मौजूद रहने के बावजूद गाड़ी को लाद लेते हैं। ऐसे कई किस्से सामने भी आए हैं। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम के प्राइवेट ठेकेदारों की गुडंई अब सरेआम देखने को मिल रही है। सड़क किनारे भी खड़ी गाड़ियां को ट्रैफिक पुलिस के प्राइवेट ठेकेदार जबरिया उठा रहे हैं और फिर विरोध करने पर पब्लिक पर बुलडोजर चढ़ाने की धमकी भी दे रहे हैं।
चालक ने बुलडोजर चढ़ा देने की दी धमकी
दरअसल शनिवार को राजघाट इलाके के हालसीगंज के रहने वाले डीके गुप्ता पत्नी संग मिठाई खरीदने गणेश चौक पहुंचे थे। वह गणेश स्वीट हाउस के सामने अपनी कार खड़ी कर मिठाई खरीद रहे थे कि इस बीच प्राइवेट ठेकेदारों ने जबरिया उनकी कार उठा ली। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बुलडोजर चालक और उसके साथ के लोग उसके उपर बुलडोजर चढ़ा देने की धमकी देने लगे। धमकी देते हुए ड्राइवर बुलडोजर आगे बढ़ाने लगा। मजबूरन डीके को पत्नी संग पीछे हटना पड़ा। उनका कहना था कि अगर वे पीछे नहीं हटते तो ड्राइवर उनपर बुलडोजर चढ़ा देता।
गाड़ी मालिक से वसूली 1000 रुपए पेनाल्टी
इसके बाद नाराज डीके पत्नी संग बीच सड़क पर बैठ गए और जमकर हंगामा किया। जबकि वहां खड़ी पब्लिक तमाशा देखती रही। करीब एक घंटे तक चले इस हंगामे के बाद आखिकार गाड़ी मालिक को ही झुकना पड़ा और उन्होंने एक हजार रुपए पेनाल्टी भरकर गाड़ी छुड़ाई। डीके गुप्ता का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस से लेकर नगर निगम का कोई भी जिम्मेदार कुछ सुनने को तैयार नहीं है। मैं पत्नी को लेकर बीच सड़क पर अगर लड़ाई करता तो वह मेरे उपर बुलडोजर चढ़ा देते।
पुलिस ने झाड़ा पल्ला
हालांकि एसपी ट्रैफिक डॉ. महेंद्र पाल सिंह का कहना है कि सड़क से गाड़ियां उठाने के काम से ट्रैफिक पुलिस का कोई मतलब नहीं है। पुलिस सिर्फ चालान वसूलती है। इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की है। जबकि नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई जरूर नगर निगम करती है, लेकिन पब्लिक से इस तरह का व्यवहार करना पूरी तरह गलत है। अगर ऐसा है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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