
कानपुर: सिख दंगे में जांच कर रही एसआईटी ने देर रात कानपुर के नौबस्ता में छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नामदेव गुरुद्वारा (प्राचीन) में हमला करने वाली भीड़ में दोनों आरोपित शामिल थे। इस घटना में सेवादार समेत दो को मौत के घाट उतारा गया। सिख विरोधी दंगों के आरोपियों की तलाश में मंगलवार देर रात एसआईटी ने शहर में पांच अलग-अलग इलाकों में दबिश देकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सिद्ध गोपाल गुप्ता उर्फ बब्बू (66) पुत्र स्व. शहजादे लाल गुप्ता निवासी किदवई नगर और जितेंद्र कुमार तिवारी (58) पुत्र राजाबाबू तिवारी निवासी यशोदानगर शामिल हैं। दोनो आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान हंगामा भी देखने को मिला।
127 सिखों की गई थी हत्या
बता दें कि 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में शहर में 127 सिखों की हत्या की गई थी। जिसकी जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी डीआईजी बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि नौबस्ता में दर्ज किए गए केस नंबर 574/84 व गोविंद नगर के 404/84 केस के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए देर रात एक बजे दबिश शुरू की गई।
इनकी हुई थी हत्या
नौबस्ता वाली घटना में सार्दुल सिंह व गुरुदयाल सिंह की हत्या की गई थी। वहीं गोविंद नगर की वारदात में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या की गई थी। जिसमें विशाख सिंह, उनकी पत्नी सरन कौर, बेटी गुरुवचन कौर के अलावा उनके चार बेटों जोगेंदर सिंह, गुरचरन सिंह, छत्रपाल सिंह व गुरुमुख सिंह की हत्या की गई थी। दोनों केसों में करीब 15 आरोपी हैं।
गिरफ्तारी को लेकर हुआ हंगामा
आरोपित जितेंद्र कुमार तिवारी की गिरफ्तारी के दौरान इलाके के लोग सड़क पर उतर आए और हंगामा किया। टीम ने किसी तरह से समझा बुझा कर मामला शांत कराया और दोनो आरोपियों को लेकर एसआईटी दफ्तर पहुंचे।
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