कंपनी के रीजनल डाइरेक्टर जयकुमार गंगाधर ने कहा कि हमारे यहां जितने भी कर्मी हैं। उसमें स्थानीय, प्रदेश से और देश से हैं। इनमें 80% से अधिक हिंदू हैं। जबकि शेष में मुस्लिम, ईसाई और अन्य वर्ग के लोग हैं। कुछ स्वार्थी लोग हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
लखनऊ: लुलु मॉल में नमाज को लेकर चल रहा विवाद थमने के नाम नहीं ले रहा है। इन सबके बीचे एक बात और सामने आई थी जिसमें लुलु मॉल के कर्मचारियों के धर्म को लेकर कई हिंदू संगठनों और धर्मगुरुओं ने सवाल उठाया था। उनके मुताबिक मॉल में मुस्लिम कर्मचारियों की संख्या 70 से 80 प्रतिशत बताई गई थी। इसको लेकर तमाम तरह का विरोध भी देखने को मिला। लुलु मॉल के प्रबंधन ने इस मामले पर पहली बार सामने आकर साफ कर दिया कि उनके यहां काम करने वाले 80 प्रतिशत कर्मचारी हिंदू हैं।
हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास
कंपनी के रीजनल डाइरेक्टर जयकुमार गंगाधर ने कहा कि हमारे यहां जितने भी कर्मी हैं। उसमें स्थानीय, प्रदेश से और देश से हैं। इनमें 80% से अधिक हिंदू हैं। जबकि शेष में मुस्लिम, ईसाई और अन्य वर्ग के लोग हैं। कुछ स्वार्थी लोग हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हम अपने यहां किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि की इजाजत नहीं देते हैं। जिन लोगों ने मॉल में नमाज पढ़ी थी। उनके खिलाफ मॉल प्रबंधन ने एफआईआर दर्ज करा दी है। हमें निशाना न बनाया जाए। शांतिपूवर्क बिजनेस करने दें।
करणी सेना ने गाड़ी में बॉयकॉट का पोस्टर लगाकर किया लुलु मॉल का विरोध
रविवार को करणी सेना के कार्यकर्ता गाड़ियों पर मॉल के बॉयकॉट का पोस्टर लगाकर निकले। इन्हें 1090 चौराहे पर पुलिस ने रोक लिया। जानकारी मिलते ही लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी मौके पर पहुंच गए। करणी सेना के करीब 12 पदाधिकारी तीन गाड़ियों से लुलु मॉल की तरफ जा रहे थे। इनकी गाड़ियों पर मॉल के बॉयकॉट का पोस्टर लगा हुआ था। जानकारी मिलते ही हजरतगंज और गोमतीनगर पुलिस ने 1090 चौराहे पर घेराबंदी करके इन्हें रोक लिया। ADCP हजरतगंज अखिलेश सिंह ने बताया कि महानगर निवासी ध्रुव सिंह के नेतृत्व में ये लोग विरोध प्रदर्शन करने मॉल की तरफ जा रहे थे।
गड़ी जब्त, कार्यकर्ता नजरबंद
पुलिस ने करणी सेना के पदाधिकारियों की तीनों गाड़ियों को कब्जे में ले लिया है। 1090 चौराहे पर रोकटोक के दौरान पुलिस और करणी सेना के लोगों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को उनके ही घरों में नजरबंद कर दिया है। पुलिस का कहना है कि उनके इस तरह के विरोध प्रदर्शन से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।