
लखनऊ: यूपी के सरकारी अस्पतालों के शासन की तरफ से बड़ा निर्देश दिया गया है। सरकार अस्पताल प्रशासन को इलाज के लिए आने वाले हर मरीज की डिटेल अब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को देनी होगी। महानिदेश की तरफ से सीएमओ समेत सभी सरकारी अस्पतालों के अधीक्षकों को इसके लिए पत्र भेजा है।
मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना प्राथमिकता
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हर रोज 10 जिलों के कुछ मरीजों से बात करेंगे। पाठक ने बुधवार को लोक भवन में मिडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में आने वाले हर मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
पहली बार हो रही यह व्यवस्था लागू
यूपी में इस तरह की व्यवस्था पहली बार हो रही है कि स्वास्थ्य मंत्री के पास प्रदेश भर के एक-एक मरीज का विवरण होगा। इससे वह कभी भी किसी भी मरीज को सीधे कॉल करके अस्पताल में इलाज और सुविधाओें के बारे में पूछ सकते हैं।
अस्पातल प्रशासन की खुलेगी लापरवाही की पोल
इससे लापरवाही और मनमानी करने वाले अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों और डॉक्टरों के बारे में भी मरीज के जरिए पता लगाया जा सकेगा। अस्पताल में पंजीकरण कराने वाले मरीज, भर्ती होने वाले मरीज, डिस्चार्ज और रेफर किए जाने वाले मरीजों की भी सूची हर रोज देनी होगी। इतना ही नहीं अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले मरीजों को भी ब्यौरा अस्पताल के अधीक्षक को देना होगा।
इससे स्वास्थ्य मंत्री यह जानने का प्रयास करेंगे कि जिस मरीज की मौत हुई है, क्या उसे सही इलाज मिला या लापरवाही की गई है। बता दें कि इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री लगातार सरकारी अस्पतालों का दाैरा कर रहे हैं और हकीकत देख रहे हैं।
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