
लखनऊ: सावन के महीने में कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश में खास रूट प्लान तैयार किया गया है। कावड़ियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े इसके लिए कई इंतजाम किए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इसके लिए रूट मैप तैयार किया है। बता दें कि 14 जुलाई से शुरू होकर कांवड़ यात्रा 26 जुलाई को सावन की शिवरात्रि तक चलेगी।
यूपी में इन रास्ते से होकर गुजरेंगे कांवड़
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर 14 जुलाई रात 12 बजे से 27 जुलाई की शाम छह बजे तक पश्चिमी यूपी की महत्वपूर्ण सड़कों के लिए रूट डायवर्जन प्लान जारी हुआ है। लखनऊ के फैजाबाद रोड से होते हुए कवांडिया बाराबंकी के महादेवा मंदिर तक जाएंगे। वहीं हरिद्वार से कांवड़िये, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद से एनएच-58 से दिल्ली, हापुड़, बुलंदशहर की ओर जा सकते हैं। चौधरी चरण सिंह कांवड़ पटरी मार्ग (गंगनहर पटरी) हाईवे के बाद दूसरा मुख्य मार्ग है। हाईवे पर नावला मार्ग मेरठ में सरधना से सलावा, कल्याणपुर से पुरा महादेव मंदिर जाता है।
मोदीपुरम से बेगमपुल, मुरादाबाद-गढ़मुक्तेश्वर की ओर से आने वाले भारी वाहन जिन्हें मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रूडकी, हरिद्वार, देहरादून की ओर जाना है वह किठौर से किला परीक्षितगढ़ मार्ग पर डायवर्ट कर दिए जाएंगे।परतापुर तिराहे के अलावा बेगमपुल से बच्चा पार्क, हापुड़ अड्डा, हापुड़- बुलंदशहर मार्ग से, टैंक चौराहा, रुड़की रोड, माल रोड, कमिश्नरी आवास चौराहा, विवि रोड, गढ़ रोड से भी कांवड़िये निकलते हैं।
इन रास्तों से होके गुजरेंगे बड़े वाहन
दिल्ली-गाजियाबाद से भारी वाहन हापुड़ बाईपास होकर हापुड़-किठौर मार्ग फ्लाईओवर होते हुए कस्बा किठौर से परीक्षितगढ़ मवाना, बहसूमा रामराज मीरापुर, जानसठ से मुजफ्फरनगर की ओर जा सकेंगे। हरिद्वार व देहरादून की ओर जाने वाले वाहन मीरापुर से गंगा बैराज, बिजनौर, नजीबाबाद होकर हरिद्वार, व देहरादून की ओर जा सकेंगे। पुलिस चौकी साईलो द्वितीय हापुड़ से खरखौदा मेरठ की ओर कोई वाहन आने नहीं दिया जाएगा।
देहरादून, हरिद्वार, बिजनौर की ओर से दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़ और बुलंदशहर जाने वाले भारी वाहन मीरापुर से मवाना रोड होते हुए गंगानगर थाने के पास से किला परीक्षितगढ़ रोड पर निकाले जाएंगे। यहां से जेलचुंगी, तेजगढ़ी चौराहा से किठौर होते हुए निकल सकेंगे।
जानिए क्या होती है कांवड़ यात्रा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है और जो भक्त संपूर्ण नियमों का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा करता है उसकी हर मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।
नियमों के अनुसार संपूर्ण यात्रा के दौरान भक्तों को पैदल ही चलना होता है। कांवड़ यात्रा के दौरान यात्री मांस-मदिरा का सेवन नहीं कर सकते, उन्हें सात्विक भोजन करना होता है। साथ ही पूरी यात्रा के दौरान कांवड़ को जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
हथियार प्रदर्शित करने की होगी अनुमति
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धार्मिक जुलूस में किसी को भी हथियार प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं होगी और कांवड़ यात्रियों को अनुमेय सीमा के भीतर मात्रा रखते हुए संगीत प्रणालियों पर भक्ति गीत बजाने की अनुमति होगी। पुलिस प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों की भी पहचान करते हुए अधिक संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की है।
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