पीएम मोदी ने कहा कि यहां देवभक्ति भी है और देशभक्ति भी है। राष्ट्रपति के पिताजी की भक्ति को प्रणाम करता हूं। वह तीर्थाटन के लिए समय समय पर निकल जाते थे। उस समय भी उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि जगह जगह जा सकें। जहां भी जाते थे वहां से कुछ पत्थर ले आते थे। और उन पत्थरों को यहां रख देते थे। उन पवित्र पत्थरों को गांव वाले पूजते थे।
कानपुर: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर में मिलन केंद्र परौंख गांव, कानपुर देहात का दौरा किया। केंद्र राष्ट्रपति का पैतृक घर है जिसे सार्वजनिक उपयोग के लिए दान कर दिया गया था और एक सामुदायिक केंद्र (मिलान केंद्र) में परिवर्तित किया गया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हेलीपैड पर खुद राष्ट्रपति जी मेरी आगवानी करने पहुंचे थे। उन्हें देखकर मैं चौंक गया। जिनकी अगवानी में हम काम कर रहे हैं, उनके आने पर मैंने पूछा भी आप क्यों आए हैं। उन्होंने बताया कि आज मैं राष्ट्रपति नहीं इस गांव के एक नागरिक के रूप में आपका स्वागत करने आया हूं। राष्ट्रपति का यह कहना अतिथिदेवो भवों के संस्कार का उत्तर उदाहरण है।
परौंख में देवभक्ति भी और देशभक्ति भीः मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि यहां देवभक्ति भी है और देशभक्ति भी है। राष्ट्रपति के पिताजी की भक्ति को प्रणाम करता हूं। वह तीर्थाटन के लिए समय समय पर निकल जाते थे। उस समय भी उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि जगह जगह जा सकें। जहां भी जाते थे वहां से कुछ पत्थर ले आते थे। और उन पत्थरों को यहां रख देते थे। उन पवित्र पत्थरों को गांव वाले पूजते थे।
राष्ट्रपति के गांव में आना सुखद स्मृतिः मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने जब यहां आने को कहा था, तभी से इंतजार कर रहा था। यहां आकर मन को सुकून मिला। इस गांव ने राष्ट्रपति का बचपन भी देखा है और उनके गौरव को भी देखा है। उन्होंने यहां की कई यादें मुझसे साझा की। यहां जब पांचवीं के बाद उनका दाखिला पांच मील दूर हो गया था तो दौड़ते हुए जाते थे। यह दौड़ कोई रेस नहीं होती थी, बल्कि तपती दुपहरी में पैर जलने के कारण नंगे पांव अपने स्कूल दौड़ते हुए जाते थे। आज का दिन सुखद स्मृति की तरह है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया परौंख गांव का दौरा
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार दोपहर में मिलन केंद्र परौंख गांव, कानपुर देहात का दौरा किया। केंद्र राष्ट्रपति का पैतृक घर है, जिसे सार्वजनिक उपयोग के लिए दान कर दिया गया था और एक सामुदायिक केंद्र (मिलान केंद्र) में परिवर्तित किया गया था।
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