मां-बाप को जेल में डाल देने वाला रामपुर एसपी का विवादित बयान हुआ वायरल, साहब बोले- मैं तो ऐसा कर ही नहीं सकता

एसपी रामपुर ने कहा कि मैं तो उन मां-बाप को जेल भेजना चाहूंगा जो यह शिकायत लेकर आए कि मेरी लड़की चली गई है। समझ रहे हैं? पैदा करके छोड़ दिया है! किसके भरोसे छोड़ दिया है भई? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अच्छा लगे तो यह भी सुन लीजिए, कि भाई एक-दो बच्चे बहुत हैं। जिनकी परवरिश कर सको अच्छे से। न आप उनको तालीम दे पाओगे, न अच्छी सुविधा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2022 9:09 AM IST

रामपुर: एसपी अशोक कुमार अपने विवादित बयान की वजह से इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल  28 जून को पुलिस ने सद्भावना संगोष्ठी आयोजित की थी। कार्यक्रम में जिले के सारे धर्म गुरू, पुलिस अधिकारियों, ग्राम प्रधानों, पार्षदों, प्रतिष्ठित व्यापारियों और पत्रकारों को बुलाया गया था। इसी गोष्ठी में बोलते हुए रामपुर के SP अशोक कुमार ने एक विवादित बयान दे डाला। 

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि उनका बस चले तो वो ऐसे लोगों को जेल में डाल दें जो बेटी के भाग जाने की शिकायत लेकर आते हैं।  ये भी कहा कि इससे बेहतर है कि कम बच्चे पैदा करें, जिनकी अच्छी परवरिश कर सकें। 

'साहब बोले ऐसा तो कर ही नहीं सकता'
फिलहाल विवादित बयान वायरल होने के बाद एसपी ने खंडन जारी करते हुए कहा कि मेरी कोई ऐसी मंशा नहीं थी न मै ऐसा कर सकता हूं, ना ही कोई कर सकता है। मैं हमेशा ऐसा पीड़ित को अपना परिवार समझते हु्ए उसकी पूरी वैधानिक और प्रशासनिक मदद करता हूं और करता रहूंगा। 

आगे उन्होंने कहा कि उस बयान का सिर्फ इतना मतलब था कि हमारे जीवन की आपाधापी में जाने अनजाने हमारा परिवार और बच्चे उपेक्षित हो जाते हैं, जिनसे ये समस्या बढ़ रही है। हम अभिभावक के रूप में अपने बच्चों के संस्कार को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत करें। 

एसपी ने भाषण में कही ये बात
अभी बड़ा तमाशा हुआ सिविल लाइंस में। कोई मुस्लिम लड़की थी, किसी हिंदू लड़की के साथ जा रही थी या कोई हिंदू लड़की थी, किसी मुस्लिम लड़के के साथ जा रही थी.. तो आप लोग देखिए अपने परिवार में ऐसा क्यों हो रहा है?

मैं तो उन मां-बाप को जेल भेजना चाहूंगा जो यह शिकायत लेकर आए कि मेरी लड़की चली गई है। समझ रहे हैं? पैदा करके छोड़ दिया है! किसके भरोसे छोड़ दिया है भई?"

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अच्छा लगे तो यह भी सुन लीजिए, कि भाई एक-दो बच्चे बहुत हैं। जिनकी परवरिश कर सको अच्छे से। न आप उनको तालीम दे पाओगे, न अच्छी सुविधा। मैं धर्म से ऊपर उठ कर ये बात कह रहा हूं। 

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