
लखनऊ: देव भाषा कही जाने वाली संस्कृत(Sanskrit) का ज्ञान लेने अथवा सीखने के लिए आज के समय में लोग काफी ज्यादा उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् (Uttar Pradesh Sanskrit Sansthanam) की ओर से एक विशेष तरह की तैयारी की गई है। जिसके सहारे संस्कृत को सीखने की इच्छा रखने वाले लोग बड़ी ही सरलता से संस्कृत सीख पाएंगे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् की ओर से एक मोबाइल नम्बर(mobile number) जारी किया गया है, जिसपर मिसकॉल देकर कोई भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है और रजिस्ट्रेशन के बाद उसकी संस्कृत की शुरुआती शिक्षा शुरू हो जाएगी।
इस नम्बर पर मिसकॉल देकर होगा रजिस्ट्रेशन, पहले 15 दिन होगा परिचय कोर्स
यूपी संस्कृत संस्थानम् की ओर से आम लोगों को संस्कृत भाषा से पूरी तरह जोड़ने के लिए खास तैयारी की गई है। संस्थानम् कि ओर से मोबाइल नम्बर 9522340003 जारी किया गया है। मिसकॉल करते ही ओटीपी आएगा और फिर गूगल फार्म(google form) भरना होगा। फार्म में व्यवसाय के साथ पढ़ाई के समय समेत अन्य जानकारियां लिखने के बाद पंजीयन(registration) पूरा होगा। पहले 15 दिन तक संस्कृत में बोलने का परिचय कोर्स कराया जाएगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण(online training) पूरी तरह से निःशुल्क होगा।
सभी ग्राम पंचायतों में खुलेंगी संस्कृत की निःशुल्क पाठशालाएं(free schools)
बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने की होड़ मची हुई है। ऐसे में संस्कार की भाषा संस्कृत को स्थापित करने के लिए राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद ग्राम पंचायतों मेें बच्चों को संस्कार देने के लिए यूपी संस्कृत संस्थानम् की ओर से निःशुल्क पाठशालाएं खोली जाएंगी। जहां बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी के साथ संस्कृत भी बोलेंगे। उ.प्र. संस्कृत संस्थानम् की ओर से जिले स्तर पर संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र खोल दिए गए हैं। इस पाठशाला में गांव के ही शिक्षकों को ट्रेंड करके रखा जाएगा, जिससे उन्हें गांव मेें ही रोजगार मिल सके। कोरोना संक्रमण के चलते अभी आनलाइन पढ़ाई चल रही है।
80 हजार लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, 14 हजार का शुरू हुआ प्रशिक्षण
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के अध्यक्ष डा.वाचस्पति मिश्र ने बताया कि संस्थानम् की ओर से शुरू की गई इस मिसकॉल सेवा में 80 हजार लोगों ने मिसकॉल करके अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। रजिस्ट्रेशन कराने वालों में डाक्टर, इंजीनियर व वैज्ञानिक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मिसकॉल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराने वाले 14 हजार लोगों का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। एक कक्षा में 30 से अधिक विद्यार्थी को नहीं पढ़ाया जा सकता, इसलिए अभी सभी लोगों की पढ़ाई एक साथ नहीं शुरू हो पा रही है।
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