बिकरू कांड मामले में एसओ और दरोगा नौकरी से बर्खास्त, जांच में पाए गए दोषी

जेल में बंद आरोपियों में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी व बिकरू हलका इंचार्ज केके शर्मा भी शामिल हैं। विभागीय जांच में दोनों दोषी पाए गए। जिसके बाद अब उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विवेचना में सामने आया था कि दोनों पुलिसकर्मी विकास दुबे के करीबी थे। 

Ashish Mishra | Published : May 26, 2022 9:00 AM IST

कानपुर: बिकरू कांड से दहशत फैलाने वाले विकास दुबे के खास रहे तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। बता दें कि वर्तमान में दोनों बिकरू कांड के केस में जेल में बंद हैं। आईजी रेंज कानपुर  प्रशांत कुमार ने बताया कि विभागीय जांच में वह दोषी पाए गए थे। उसी आधार पर दंडात्मक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनको बर्खास्त कर दिया गया है।  

यह था पूरा मामला
बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी। दबिश के दौरान विकास व उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। डीएसपी, शिवराजपुर एसओ समेत आठ पुलिसकर्मियों को इन बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था। केस में करीब पचास आरोपी जेल में बंद हैं। वहीं विकास दुबे समेत छह बदमाश मुठभेड़ में मारे गए थे। 

विकास दुबे के करीबी थे दोनों पुलिसकर्मी
जेल में बंद आरोपियों में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी व बिकरू हलका इंचार्ज केके शर्मा भी शामिल हैं। विभागीय जांच में दोनों दोषी पाए गए। जिसके बाद अब उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। विवेचना में सामने आया था कि दोनों पुलिसकर्मी विकास दुबे के करीबी थे। दोनों वारदात की साजिश में शामिल थे। वारदात के समय वहां से भाग निकले थे। 

जांच में अपराधी का साथ देने की हुई पुष्टी
विभागीय जांच में भी सामने आया कि दोनों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। अपराधी का साथ दिया। इसके साक्ष्य वह गवाह दोनों सामने थे। इसी आधार पर उनको दोषी बनाया गया। 

दोनों पुलिसकर्मी केस के आरोपी हैं। वर्तमान में जेल में बंद हैं। विभागीय जांच में वह दोषी पाए गए थे। उसी आधार पर दंडात्मक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनको बर्खास्त कर दिया गया है।

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