चर्चित बंगाल स्वीट्स के मालिक कुलभूषण थापर की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार द्वितीय ने दो आरोपी नरेश व अमित पंवार को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मेरठ: चर्चित हत्याकांड में जिला कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। चर्चित बंगाल स्वीट्स के मालिक कुलभूषण थापर की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार द्वितीय ने दो आरोपी नरेश व अमित पंवार को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
वही अन्य छह आरोपियों धर्म प्रकाश, आशीष थापर, अंकुर चौधरी, अजय, गौरव सिरोही, मनीष वर्मा को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।अभियोजन के अनुसार आठ मार्च 2011 को मृतक के बेटे वरुण थापर ने थाना मेडिकल में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सात तारीख की रात करीब 11:45 बजे घर की घंटी बजी तो उसके पिताजी कुलभूषण थापर गेट खोलने पहुंचे।
यह था पूरा मामला
दरवाजा खोला तो देखा कि अमित पंवार तीन अज्ञात लोगों के साथ खड़ा है। इतने में ही ऊपर खड़े उसके चाचा धर्म प्रकाश व उनके बेटे आशीष ने बोलना शुरू कर दिया कि आज इस परिवार का कोई भी व्यक्ति बचना नहीं चाहिए। यह सुनकर अमित पंवार व उसके साथ आये अन्य लोगों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।
बताया गया कि कई गोलियां उसके पिता कुलभूषण थापर को लगीं। वहीं आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग आ गए। जिस पर अमित पंवार और उसके साथी चाचा नरेश थापर को धमकी देते हुए फरार गए। परिजनों ने कुलभूषण थापर को हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया था।
छह आरोपियों को किया गया बरी
बेटे वरुण थापर ने बताया कि उसके पिता कुलभूषण थापर और चाचा धर्मपाल थापर व नरेश थापर का आपस में फर्म और उसकी संपत्ति को लेकर विवाद था। अदालत ने नरेश थापर व अमित पंवार को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अन्य छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया है।
पुलिस ने की कमजोर लिखा पढ़ी
कोर्ट के फैसले के बाद बेटे समीर थापर ने कहा कि पुलिस की कमजोर लिखा पढ़ी है। इसी वजह से छह आरोपी बरी हुए। समीर थापर का कहना है कि अन्य छह आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए विधिक राय लेकर हाईकोर्ट का सहारा लेंगे।
समीर थापर ने यह भी बताया कि शुरुआत में एक महीने के लिए सुरक्षा मिली थी। उसके बाद आज तक कोई सुरक्षा नहीं दी गई। सुरक्षा मिलना बहुत जरूरी है। पहले भी कई बार सुरक्षा की मांग कर चुके हैं।
साथ ही बताया कि कुलभूषण थापर पर अधंधाधुंध 10 गोलियां चलाई गई थीं। लेकिन विवेचक महावीर सिंह ने केवल एक गोली ही केस डायरी में दर्शाई थी। पुलिस का रवैया बहुत ही लापरवाही वाला रहा है। इस मामले में एकमात्र चश्मदीद समीर थापर है।
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