अस्पताल परिसर के बाहर बच्चे का शव लेकर घंटों भटकता रहा पिता, लोगों के आंख में आए आंसू, जिम्मेदार मौन

Published : Jul 18, 2022, 02:24 PM IST
अस्पताल परिसर के बाहर बच्चे का शव लेकर घंटों भटकता रहा पिता, लोगों के आंख में आए आंसू, जिम्मेदार मौन

सार

जिला अस्पताल से एक शर्मनाक घटना सामने नजर आई। यहां एक पिता का आरोप है कि तीन हजार रुपये लेकर डॉक्टर ने उसके बच्चे का ऑपरेशन किया। बाद में बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद शव को लेकर पिता तीन घंटे तक जिला अस्पताल परिसर में भटकता रहा।

कौशांबी: अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कई किस्से सामने आते रहते हैं। लेकिन इस बार संवेदनहीनता की सारी हदों को पार कर देने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल के बाहर एक पिता अपने बच्चे के शव को लेकर तीन घंटे कर शव वाहन का इंतजार करता रहा। बाद में उसको  किसी तरह से घर पहुंचाया गया। वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार सरकार अस्पताल का निरीक्षण करते पाए जाते हैं। इसका कितना असर हो रहा है इस मामले से अनुमान लगाया जा सकता है। 

ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टर ने लिए तीन हजार रुपये
जिला अस्पताल से एक शर्मनाक घटना सामने नजर आई। यहां एक पिता का आरोप है कि तीन हजार रुपये लेकर डॉक्टर ने उसके बच्चे का ऑपरेशन किया। बाद में बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद शव को लेकर पिता तीन घंटे तक जिला अस्पताल परिसर में भटकता रहा। बाद में किसी तरह से जिला अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन मुहैया करा उसे घर तक पंहुचाया। मामले में सीएमओ सुपेंद्र कुमार ने कहा है कि घटना का जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

फोड़ा के ऑपरेशन के बाद बच्चे की गई जान
जानकारी के मुताबिक चित्रकूट के रैपुरा के करौंधी कला निवासी रामलाल के बेटे दीपांशु (5) के सीने में फोड़ा था। तीन दिन पहले रामलाल अपने बेटे को लेकर जिला अस्पताल आया। डॉक्टरों ने जांच की। इसके बाद एक सर्जन ने ऑपरेशन करने के लिए कथित तौर पर तीन हजार रुपये मांगे। आरोप है कि शुक्रवार को तीन हजार रुपये लेने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। शनिवार को अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। जब तक परिजन और वर्ड का स्टाफ कुछ समझ पाता, तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया। 

शव लेकर अस्पताल परिसर के बाहर भटकता रहा पिता
मासूम की मौत के बाद शव को बाहर निकाल दिया गया। रामलाल बेटे का शव गोद में लिए इधर-उधर भटकता रहा। कई मर्तबा उसने जिला अस्पताल प्रशासन से शव वाहन की मांग की, लेकिन टालमटोल किया गया। रामलाल करीब तीन घंटे तक बेटे का शव गोदी में लिए रोते हुए इधर से उधर भागता रहा। उसकी आंखों का आंसू देखकर अस्पताल में मौजूद लोगों के आंखों में आंसू आ गए। लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार नहीं पसीजे। 

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
सीएमओ सुपेंद्र कुमार बताया कि मीडिया के द्वारा मुझे पता चला कि जिला अस्पताल में एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी और कोई एंबुलेंस नहीं मिली। इसकी मैं एक जांच कराऊंगा। अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस नहीं होनी चाहिए, इसकी भी जांच कराऊंगा। मैं इसके संबंध में एक रिपोर्ट में मंगा रहा हूं, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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