कोविड 19 के समय जेलों का बोझ कम करने के लिए 7 वर्ष या उससे कम सजा वाले कैदियों मई से अगस्त माह के बीच 44 बंदियों को तीन - तीन माह की कोविड पैरोल दी गई थी, जो फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी 15 बंदी अभी नहीं लौटे हैं ।
जितेंद्र मिश्रा, उन्नाव
कोविड काल में जेल से ' कोविड पैरोल ' पर छोड़े गए 44 में से 15 बंदी अभी जेल वापस नहीं लौटे हैं, इनमे से दो बंदी ऐसे है जिनका पता गलत दर्ज होने से लोकेशन नही मिल पा रही है । कार्यवाहक जेल अधीक्षक SP उन्नाव को कई पत्र लिखकर फरार बंदियों को गिरफ्तार करने की मांग कर चुके हैं , मगर 5 माह बाद भी पुलिस फरार 15 बंदियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है । एक बार फिर जेल अधीक्षक ने एसपी को पत्र लिखकर जेल ना लौटने वाले बंदियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का पत्र लिखा है ।
बंदियों को दी गई थी तीन - तीन माह की कोविड पैरोल
बता दें कि कोविड 19 के समय जेलों का बोझ कम करने के लिए 7 वर्ष या उससे कम सजा वाले कैदियों मई से अगस्त माह के बीच 44 बंदियों को तीन - तीन माह की कोविड पैरोल दी गई थी, जो फरवरी 2022 में समाप्त हो चुकी है लेकिन उसके बाद भी 15 बंदी अभी नहीं लौटे हैं । 8 बंदियों को जमानत मिलने से जेल से रिहा हो चुके हैं।
अधिकारी बने हुए हैं अनजान
अब जेल प्रशासन इन कैदियों को पकड़ने के लिए पुलिस को पत्राचार कर पकड़ने की मांग कर रहा है लेकिन उन्नाव की लापरवाह पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, वहीं पुलिस पूरे मामले में अपना बयान देने से भी बचती नजर आ रही है । पुलिस की लापरवाही से 15 बंदी जेल से फरार चल रहे हैं और अधिकारी अनजान बने हुए हैं ।
कम सजा वाले कैदियों को किया गया था रिलीज
जिला कारागार उन्नाव के कार्यवाहक जेल अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कोविड काल में जिला कारागार उन्नाव से 44 दोष सिद्ध बंदियों को रिलीज किया गया था । उनमे से 8 बन्दी ऐसे है जो फाइनली रिलीज हो गए है, जमानत हो गयी है या फिर सजा पूरी हो गयी है । 15 बन्दी शेष है , जिनकी गिरफ्तारी बाकी है । सम्बन्धित थाना अध्यक्ष को और एसपी को लेटर भेजे हैं । बताया कि छोटी धाराओ में जिसमे कम सजा थी या फिर सात वर्ष के कम सजा वाले बंदियों को रिलीज किया गया था ।
कानपुर हिंसा का पाकिस्तानी कनेक्शन आया सामने, लगातार आ रही थी कॉल