5 राज्यों के चुनाव पर EC का बड़ा निर्देशः रोड शो, बाइक रैली, पदयात्रा पर रोक, वर्चुअल रैली करें पार्टियां

डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें चुनाव पार्टियां। 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। 2.15 लाख मतदान केंद्र होंगे। हर मतदान केंद्रों पर अधिकतम 1250 वोटर ही होंगे। हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पूरी तरह से महिला स्टाफ के जिम्मे होगा। 690 निर्वाचन क्षेत्रों में ऐसे 1620 मतदान केंद्र होंगे।
  

नई दिल्ली: कोरोना थर्ड वेव की आशंका के चलते चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने को लेकर अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसी के चलते चुनाव आयोग ने आज पीसी कर चुनाव संबंधित महात्वपूर्ण जानकारी दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा  ने कहा कि चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा। गैरकानूनी पैसे-शराब पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। पैसे के दुरूपयोग पर ज़ीरो टॉलरेंस, गैर कानूनी पैसे और शराब पर नज़र रहेगी। सभी एजेंसियां अलर्ट पर रहेंगी. सभी राजनितिक दलों के लिये सुविधा एप बनाया गया है। विधानसभा चुनाव के लिये खर्च की सीमा बढ़ायी गई है. आदर्श चुनाव सहिंता तत्काल प्रभाव से सभी पांचों राज्यों में लागू। 

रैली, रोड शो और पदयात्रा की अनुमति नहीं
डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें चुनाव पार्टियां। 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी।  

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चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना वायरस के बीच चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन लेकिन यह हमारा कर्तव्य है। चुनाव तैयारियों की समीक्षा की गई। कोरोना नियमों के साथ चुनाव कराएंगे। पांच राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। 690 विधानसभा सीटों पर मतदान होने वाला है। चुनावों में कुल 18.3 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। कोरोना में चुनाव कराना महत्वपूर्ण है। इसके लिए नए प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। कुछ तैयारियां भी की गई हैं। हमने इस बार तीन उद्देश्यों पर काम किया है। कोविड फ्री चुनाव, मतदाताओं की सहूलियत और अधिकतम मतदाताओं की भागीदारी।

2.15 लाख मतदान केंद्र होंगे। हर मतदान केंद्रों पर अधिकतम 1250 वोटर ही होंगे। हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पूरी तरह से महिला स्टाफ के जिम्मे होगा। 690 निर्वाचन क्षेत्रों में ऐसे 1620 मतदान केंद्र होंगे।
 
टीके की दोनों खुराक जरूरी
हर राज्य की विधानसभा सीट का कार्यकाल पांच साल ही रह सकता है। समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक शासन सुनिश्चित कराने के लिए जरूरी है। चुनाव ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी ऐसे होंगे, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं। उन्हें एहतियाती अतिरिक्त खुराक भी दी जा सकेगी।

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