पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष ने अपनी बहस पूरी कर ली थी। स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर पक्षकार की तरफ से उनके वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बहस की थी। हिंदू पक्ष की बहस पूरी होने के बाद यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने बहस की। विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद लगातार गरमाया हुआ है। आज इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। यह मुकदमा 31 साल पहले 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल हुआ था। इस मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं, हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है। एएसआई से खुदाई कराकर सर्वेक्षण कराए जाने समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बहस होनी है।
दोनो पक्षों की तरफ से बहस जारी
पिछली सुनवाई पर हिंदू पक्ष ने अपनी बहस पूरी कर ली थी। स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर पक्षकार की तरफ से उनके वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बहस की थी। हिंदू पक्ष की बहस पूरी होने के बाद यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पुनीत गुप्ता ने बहस की। विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद लगातार गरमाया हुआ है। आज इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।
31 साल पहले दायर हुई थी याचिका
कोर्ट को तय करना है कि 31 साल पहले 1991 में वाराणसी कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हो सकती है या नहीं। इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के स्थान पर विश्वेश्वर महादेव का मंदिर होने का दावा किया गया था। इस केस में हिंदू पक्ष की दलीलें पूरी हो गई हैं। आज यूपी सरकार अपना पक्ष रखेगी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। अब तक मिले साक्ष्यों की मानें तो सबसे पहले 213 साल पहले वर्ष 1809 में ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर नमाज पढ़े जाने को लेकर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
वर्ष 1984 की दिल्ली धर्म संसद में अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिरों पर अपने अधिकार हासिल किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ। करीब सात साल बाद वर्ष 1991 में वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर कर ज्ञानवापी मस्जिद पर हिंदू पक्ष ने अपना दावा किया। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के आसमान में बादलों की आवाजाही से उमस फिर बढ़ गई है। मौसम विभाग ने हल्की बारिश के आसार जताए है।
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