जिला जज ने 30 मई की तारीख अगली सुनवाई के लिए तय कर दी है। कोर्ट में वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मामला सुनवाई के लायक ही नहीं है। शिवलिंग को लेकर अफवाह फैलाई गई, यहां शिवलिंग है ही नहीं। अफवाह से व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।
वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। अब सोमवार को भी बहस जारी रहेगी. आज कोर्ट में दो घंटे बहस चली। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अभय नाथ यादव और मुमताज ने दलीलें रखीं। इस दौरान हिंदू पक्ष के वकील भी अपनी बात कहते रहे।
जिला जज ने 30 मई की तारीख अगली सुनवाई के लिए तय कर दी है। कोर्ट में वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मामला सुनवाई के लायक ही नहीं है। शिवलिंग को लेकर अफवाह फैलाई गई, यहां शिवलिंग है ही नहीं। अफवाह से व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।
शिवलिंग की बात कर भड़काई जा रहीं भावनाएं
मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने कहा कि मस्जिद में शिवलिंग मिलने की बात कहकर लोगों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट के तहत यह केस सुनवाई के योग्य ही नहीं है।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने शिवलिंग मिलने की बात अफवाह है
मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि मस्जिद में शिवलिंग मिलने की बात पूरी तरह से अफवाह है। इससे व्यवस्था पर असर पड़ा है। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि यह केस सुने जाने योग्य नहीं है और मेंटेनेबिलिटी नहीं बनती है।
'सुनवाई के योग्य ही नहीं है यह केस'
ज्ञानवापी विवाद को लेकर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट का हवाला दिया। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इस ऐक्ट के तहत 1947 तक किसी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसमें तब्दीली नहीं की जा सकती। ऐसे में उस ऐक्ट के तहत यह मसला सुनवाई के योग्य ही नहीं है।
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