UP पंचायत चुनावः कुलदीप सेंगर की बेटी का इमोशनल सवाल, औरत की योग्यता किसी की बीवी होने से कम हो जाती है?

Published : Apr 15, 2021, 03:16 PM ISTUpdated : Apr 15, 2021, 03:20 PM IST
UP पंचायत चुनावः कुलदीप सेंगर की बेटी का इमोशनल सवाल, औरत की योग्यता किसी की बीवी होने से कम हो जाती है?

सार

उन्नाव की अलग-अलग विधानसभा सीटों से कुलदीप सिंह सिंगर चार बार के विधायक रहे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को साल 2018 में उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार किया गया था, इसके बाद बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्काषित कर दिया था। कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

उन्नाव (Uttar Pradesh) ।  दुष्कर्म के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर की उम्मीदवारी को बीजेपी ने रद्द कर दिया है। जिसके बाद उनकी बेटी ऐश्वर्या ने सोशल मीडिया पर इमोशनल वीडियो पोस्ट कर फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर उनकी माता और उनके परिवार की क्या गलती है? जो उनका टिकट जिला पंचायत सदस्य चुनाव में काट दिया गया। ऐसे में हम आपको ऐश्वर्या द्वारा कहे गए बातों को अक्षरशः बता रहे हैं। बता दें कि ऐश्वर्या दिल्ली के मिरांडा हाउस से ग्रेजुएट हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं।

यह है पूरा मामला
बताते चले कि आठ अप्रैल को संगीता सेंगर को वार्ड नम्बर 22 फतेहपुर चौरासी तृतीय से जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार घोषित किया गया था। लेकिन, पीड़िता के परिवार की ओर से इसका विरोध किया गया। वहीं, सोशल मीडिया में भी मामला तूल पकड़ लिया, जिसके बाद पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। वो जिला पंचायत की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

मेरा नाम क्या है इससे शायद अब फर्क ही नहीं पड़ता
ऐश्वर्या सेंगर कहती हैं, 'नमस्कार, मेरा नाम क्या है इससे शायद अब फर्क ही नहीं पड़ता, लेकिन मेरा सरनेम सेंगर है। पिछले तीन साल से मेरे परिवार पर अन्याय पर अन्याय किया जा रहा है। मेरी मां संगीता सिंह सेंगर पिछले 15 वर्षों से उन्नाव में जिला पंचायत सदस्य हैं। सक्रिय राजनीति का हिस्सा रही हैं।

कुछ ऐसे उठाए सवाल
ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपना हर दायित्व निभाती आ रही हैं। इसी कारण सभी सदस्यों द्वारा उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुना गया। आज एक महिला नेता की योग्यता, उनका अनुभव, उनकी मेहनत को ताक पर रख दिया गया।

क्या औरत की अपनी पहचान नहीं होती
ऐश्वर्या कहती हैं कि इस देश में महिलाओं के लिए आरक्षण तो तय कर दिया गया है, लेकिन जब वो चुनाव के लिए आगे आती हैं तो उनके पिता और पति कौन हैं, ये क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है? क्या एक औरत की योग्यता किसी की बीवी या बहन होने से कम हो जाती है? उसकी खुद की कोई पहचान नहीं?

सिर्फ मां की गलती पूछना चाहती हूं
ऐश्वर्या ने कहा है कि 'मैं आपसे सिर्फ अपनी मां की गलती पूछना चाहती हूं। वो दागी कैसे हुईं? क्या मुझे और मेरी मां को सम्मान से जीने का अब हक नहीं है? आज बोल रही हूं क्योंकि एक बार अन्याय को फिर से चुपचाप सुन लिया तो शायद जमीर जिंदा रहना न गंवारा करे।

कौन है कुलदीप सिंह सेंगर
उन्नाव की अलग-अलग विधानसभा सीटों से कुलदीप सिंह सिंगर चार बार के विधायक रहे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को साल 2018 में उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार किया गया था, इसके बाद बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्काषित कर दिया था। कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

कांग्रेस से बसपा-सपा में होते हुए भाजपा में आया था कुलदीप
कुलदीप सेंगर की गिनती यूपी के दलबदलू नेताओं में होती है। 4 बार से लगातार विधायक बन रहा कुलदीप कभी चुनाव नहीं हारा। उसने उन्नाव जिले की अलग-अलग सीटों से 3 बार चुनाव जीता। वह 2002 में पहली बार बसपा से सदर, 2007 में सपा से बांगरमऊ और 2012 में भगवंतनगर से चुनाव जीता था। 2017 में उसने भाजपा से बांगरमऊ सीट पर चुनाव जीता था।

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